National News – बिहार में बाढ़ का कहर, अब तक 16 लोगों की मौत, 16 जिलों की 32 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित

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National News: बिहार में प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि के बाद राज्य में बाढ़ से 16 जिले प्रभावित हैं। राज्य के 16 जिलों की 32 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है, जबकि अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मंगलवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, राज्य के 16 जिलों के 96 प्रखंडों की कुल 670 पंचायतें बाढ़ से आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित हैं। वहां की 32 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ की चपेट में है।

आपदा प्रबंधन विभाग ने इन जिलों में राहत और बचाव का कार्य तेज कर दिया है। साथ ही सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर पर जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों के साथ लगातार निगरानी हो रही है।

विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर और पूर्णिया जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 14 और एसडीआरएफ की 12 टीमों को लगाया गया है। इसके अलावा दो एनडीआरएफ की और तीन एसडीआरएफ की अन्य टीमें दूसरे बाढ़ प्रभावित जिलों में पहले से तैनात हैं।

प्रभावित इलाकों में 2585 नावों का परिचालन किया जा रहा है। अधिकारी का कहना है कि जरूरत के अनुसार इन नावों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है।

अधिकारी ने बताया कि दो लाख 22 हजार से ज्यादा पॉलीथिन शीट और एक लाख 4 हजार से ज्यादा सूखा राशन पॉकेट बांटे गए हैं। इसके अलावा सभी जिलों में फसल के नुकसान का आकलन कराया जा रहा है। आकलन होने के बाद किसानों को क्षतिपूर्ति की जाएगी।

प्रभावित क्षेत्रों में 68 राहत शिविर और 621 सामुदायिक किचन का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी से अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, अब तक 223899 बाढ़ प्रभवित परिवारों को अनुग्रहिक राहत (जीआर) की राशि के रूप में प्रति परिवार को 6000 रुपये की दर से कुल 134.34 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।