Crime News Indore: एसटीएफ ने तीन फर्जी एडवाइजरी कंपनियों पर कार्रवाई की है, इन्होने कई राज्यों के लोगों को ठगना स्वीकार किया है। एसडीएफ एसपी मनीष खत्री ने बताया कि रविवार को टीम ने एडवाइजरी कंपनी मार्केट स्पार्टन, स्टार एंटरप्राइजेज और एक बिना नाम के चल रही कंपनी पर कार्रवाई की।इस दौरान पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मार्केट स्पार्टन के संचालक 25 वर्षीय पवन पुत्र अन्ना मुरमकर निवासी शीलनाथ कैंप और 29 वर्षीय आदर्श पुत्र अरविंद जैन, स्टार इंटरप्रायजेस के संचालक 31 वर्षीय आकाश पुत्र रेवती मंडल निवासी करुणा सागर अपार्टमेंट कनाड़िया रोड और बिना नाम के चल रही कंपनी के 22 वर्षीय अरविंद पुत्र हरिशंकर पाल, भरत पुत्र संग्राम सिंह राठौर निवासी आदर्श मेघदूत नगर शामिल हैं। आरोपितों से 16 कंप्यूटर और 27 मोबाइल जब्त किए हैं। आरोपितों ने निवेश करने वाले लोगों का डेटा फर्जी तरीके से इकट्ठा किया और फिर निवेशकों को सेबी से रजिस्टर्ड कंपनी बताकर उनसे खुद के खातों में रुपये ट्रांसफर करवा लिए। पुलिस को शिकायत मिलने के बाद इन कंपनियों की तलाश कर उन्हे गिरफ्तार किया।
- पुलिस के मुताबिक गीता भवन के पास संचालित हो रही मार्केट स्पार्टन कंपनी पर छापेमार कार्रवाई की। यहां से पकड़ाए संचालक पवन और आदर्श जैन ने बताया कि उन्होंने शिवाजी नगर इंदौर के हरीश को लोन दिलाने के नाम पर उससे दो निजी बैकों में खाता खुलवा लिया और फिरकंपनी की वेबसाइट बनवाई, जिसमें शिवाजी नगर भोपाल का झूठा पता लिखा।
- स्टार इंटरप्राइजेस बंगाली चौराहा क्षेत्र में चल रही थी। गिरफ्तार संचालक आकाश मंडल से सीपीयू,एक पैन ड्राईव, एक जियो फायबर माडम बाक्स व पांच मोबाईल जब्त किया है। कंपनी न तो सेबी से रजिस्टर्ड थी और न ही उसका गुमास्ता था। आरोपित ने खुद के खाते में 14 लाख रूपये का लेन देन किया। आकाश ने पूछताछ में बताया कि उसने कर्नाटक, नासिक, बंगलौर, औरंगाबाद, राजस्थान के निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की है।
- तीसरी कंपनी जो कि बिना नाम के स्कीम94 में बंगाली चौराहे के पास चल रही थी। आरोपितों को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो पता चला कि कंपनी के अरविंद पाल और भरत राठौर एक पंजीकृत कंपनी का नाम लेकर निवेशकों को फोन लगाते थे।
ये पुलिसकर्मी हुए सस्पेंड
इस मामले में विजय नगर थाने में पदस्थ तीन पुलिसकर्मियों को एसपी पूर्व ने सस्पेंड कर दिया है। इनमें हेडकांस्टेबल अंचल तिवारी, अंकित तिवारी और सिपाही अंकुश के खिलाफ विभागीय कार्रवाई हुई है इन पर आरोप है कि ये थाने पर जानकारी दिए बिना वहां कैसे पहुंचे और यदि गए भी थे तो वहां कार्रवाई क्यों नहीं की।