Indore News – बुद्धि के देवता इन्हें भी दें बुद्धि : इंदौर के नगर निगम कर्मचारियों ने भगवान गणेश की मूर्तियों को खदान के पानी में फेंक दीं, वीडियो सामने आने के बाद की मामले की लीपापोती 

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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Indore News. इंदौर निगम कर्मियों के संवेदनाओं के हजारो किस्से है इस बार भगवान गणेश की मूर्तियों को बुरी तरह से फेंकने का विडियो सामने आया है, धार रोड पर गिट्टी खदान में नगर निगम कर्मचारियों ने आस्था का अपमान किया है। सोमवार को यहां पर निगम अफसरों की मौजूदगी में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा था। जैसे ही अधिकारी वहां से हटे तो कर्मियों ने ट्रक और जेसीबी के अंदर से ही तालाब में मूर्तियों को फेंकना शुरू कर दिया गया। इसका वीडियो सामने आने के बाद अधिकारियों ने पहले इसे इंदौर का होने से इनकार कर दिया। फिर बाद में इसकी पुष्टि की। इस मामले में अपर आयुक्त की फटकार के बाद अधिकारियों ने माफी मांगते हुए व्यवस्था बनाने की बात कही है।
निगम ने 85 वार्डों में गणेश प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्था की थी। उसमें पीओपी की मूर्तियों को व्यवस्थित तरीके से गिट्टी खदान वाले स्थान पर विसर्जित करने की बात कही थी। सोमवार को इसका काम किया जाना था, लेकिन खदान में अधिकारियों के हटते ही निगम कर्मियों ने मूर्तियों को बुरी तरह से बाहर फेंकना शुरू कर दिया। अपर आयुक्त अभय राज गांवकर को गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मामला सामने आने के बाद राज गांवकर ने गलती मानते हुए नई व्यवस्था बनाने की बात की है।
कांग्रेस ने बताया आस्था पर आघात
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने इसे आस्था के साथ खिलवाड़ बताया। उन्होंने कहा कि घर-घर से विसर्जन के लिए लाई गई प्रतिमा का कितनी गलत तरीके से विसर्जन करना दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर नगर निगम विधि विधान से गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जन नहीं कर पा रहा था, तो इसको प्रतिमा ले जाने की जरूरत क्या थी।
चेन सिस्टम से करना थी विसर्जित
आयुक्त प्रतिभा पाल ने भी इस मामले में अधिकारियों को फटकार लगाई। उनके मुताबिक, कर्मचारियों का यह तरीका उचित नहीं था। मूर्तियों को एक चेन सिस्टम से पानी में विसर्जित करना था। उन्होंने अपने एक आदेश का हवाला देकर धार्मिक रीति रिवाज से मूर्ति विसर्जित की बात कही थी। उन्होंने कर्मचारियों की पहचान के बाद कार्रवाई की बात कही है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।