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Education News – पीएससी नहीं घोषित कर रहा रिजल्ट, लाखों छात्र संकट में, जानें पूरा मामला 

 

वर्षों से तैयारी कर रहे लाखों उम्मीदवारों के सामने संकट खड़ा हो गया है। पीएससी परिणाम तैयार कर बैठा है लेकिन घोषित नहीं कर पा रहा क्योंकि भोपाल से पीएससी को हरी झंडी नहीं दी जा रही। शासन की लेटलतीफी मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) की परीक्षाओं में भागीदारी करने वाले लाखों उम्मीदवारों पर भारी पड़ रही है। राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2019 को संपन्न हुए छह महीने बीत चुके हैं। राज्यसेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 भी जुलाई मेें हो चुकी है। दोनों ही परीक्षाओं के रिजल्ट को लेकर उम्मीदवारों का इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा। राज्यसेवा मुख्य परीक्षा 2019 मार्च में आयोजित हुई थी। कोरोना संकट के कारण इस परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को पहले ही लंबा इंतजार करना पड़ा था। कई बार आगे बढ़ने के बाद जैसे-तैसे दूसरी लहर के बीच परीक्षा संपन्न हुई। उम्मीदवारों ने महामारी का सामना करते हुए परीक्षा भी दे दी। लेकिन रिजल्ट है कि घोषित नहीं हो रहा। अब उम्मीदवारों को नौकरी के सपने के लिए इंतजार करना मुश्किल तो लग ही रहा है। साथ ही हजारों उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें डर है कि इंतजार और खींचा तो वे आयु सीमा के पैमाने पर प्रतिस्पर्धा से ही बाहर हो जाएंगे।

राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 भी 25 जुलाई को हो गई। 19 अगस्त से पीएससी ने फाइनल आंसर शीट जारी कर मूल्यांकन शुरू कर दिया था। इसके बाद एक सप्ताह में ही परिणाण घोषित भी हो जाना था। मप्र लोकसेवा आयोग ने साफ कर दिया है कि परीक्षा परिणाम में देरी के लिए आयोग जिम्मेदार नहीं है। आयोग ने अाधिकारिक रूप से कहा है कि हमारी ओर से मूल्यांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लेकिन प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट में प्रकरण है। बीते दिनों सामान्य प्रशासन ने ओबीसी आरक्षण को लेकर विधिक अभिमत भी जारी किया है। उसमें पीएससी की परीक्षाओं को लेकर मत स्पष्ट नहीं किया गया है। इसके बाद पीएससी ने शासन को पत्र लिखा है कि आरक्षण के मसले पर आयोग को स्थिति स्पष्ट कर दें। हालांकि अब तक शासन की ओर से निर्देश नहीं मिले हैं। नतीजा रिजल्ट भी घोषित नहीं किए जा पा रहे हैं। पीएससी ने अपनी ओर से एडवांस कैलेंडर जारी कर सालभर में घोषित होने वाली रिक्तियों से लेकर परीक्षा के आयोजन का कार्यक्रम पूर्व घोषित कर दिया था। इस कैलेंडर के हिसाब से सितंबर में राज्यसेेवा परीक्षा 2021 की घोषणा होना है। हालांकि आधा सितंबर निकलने के बावजूद पीएससी ने अगली परीक्षा की घोषणा भी नहीं की है। वजह वही है कि शासन की ओर से आरक्षण पर बना भ्रम साफ नहीं किया जा रहा।

ज्ञात हो कि देश की आरक्षण नीति में आरक्षण संसोधन अधिनियम 2019 के जरिए संशोधन कर राज्य सरकार ने लोक सेवा आयोग व पदों में सीधी भर्ती पर ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रतिशत 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। इसके बाद कई लोगों ने अलग-अलग मुद्दों पर आरक्षण को बढ़ाने को कोर्ट में चुनौति दे दी थी। याचिकाओं पर सुनवाई के बीच 2 सितंबर को सामान्य प्रशासन विभाग ने शासन के सभी विभागों को एक पत्र जारी किया था। विधिक अभिमत का हवाला देकर 27 प्रतिशत आरक्षण के अनुरूप कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया लेकिन एक पेंच डाल दिया गया कि कंडिका 5 के प्रकरणों को इससे छोड़ दिया जाए। कंडिका 5 में सभी कोर्ट के प्रकरणों का उल्लेख कर दिया गया। नतीजा ये हुआ कि पत्र के बाद भी पीएससी के सामने संशय बना हुआ है प्रक्रियाएं अटकी पड़ी हैं।

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