ईमेल में पीएम मोदी की तस्वीर होने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई आपत्ति

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

 

ईमेल में पीएम मोदी की तस्वीर होने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई आपत्ति

National News: सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के ईमेल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर इस्तेमाल होने पर विवाद खड़ा हो गया. रजिस्ट्री के आपत्ति जताने के बाद सरकार ने आनन-फानन में तस्वीर को हटा लिया.

रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार देर रात रजिस्ट्री ने एक बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट को ईमेल सेवा उपलब्ध कराने वाली नेशनल इन्फॉर्मेशन सेंटर (एनआईसी) को सुप्रीम कोर्ट से जाने वाले ईमेल से तस्वीर को हटाने के लिए कहा गया. इसके बजाय भारत के सुप्रीम कोर्ट की तस्वीर इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया. इसके बाद से एनआईसी निर्देशों का पालन किया.

वहीं, एनआईसी ने कहा कि इसका एनआईसी के सभी प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल किया जाता है. आज हमने इसे सुप्रीम कोर्ट के प्लेटफॉर्म से हटा दिया. इससे पहले गांधी जयंती के एक संदेश का इस्तेमाल किया गया था.

दरअसल, एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन के व्हाट्सएप ग्रुप में यह मुद्दा उठाया था जिसके कुछ घंटों बाद रजिस्ट्री ने बयान जारी किया.

कई वकीलों ने इस बात की पुष्टि की कि ईमेल में हस्ताक्षर के रूप में पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया. वहीं, कई वकीलों ने इसे न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच अंतर खत्म होने जैसा बताया है.

बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह तस्वीर छह महीने पहले लॉन्च की गई आजादी का अमृत महोत्सव से जुड़ी थी जो कि अगले साल देश की आजादी के 75 साल होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है.

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।