उत्तराखंड के बाराहोती में घुस आए थे चीनी
बाराहोती वही इलाका है, जहां पिछले महीने सैकड़ों चीनी सैनिक 5 किलोमीटर तक घुस आए थे और भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर को तोड़ डाला था। एक पुल भी गिरा गए थे। जानकारों का कहना है कि, चीनी दुस्साहस के बाद भारतीय सेना का उस इलाके में मूवमेंट बढ़ा है। उत्तराखंड से लगी चीन सीमा पर सोमवार देर रात से हेलीकाप्टर से नजर रखी जा रही है। इस क्षेत्र में गश्ती का जिम्मा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों के पास है। जिन्होंने हाल ही क्षेत्र में गश्त की है।
100 किमी का घास का मैदान है बाराहोती
बाराहोती उत्तराखंड में लगभग 100 किमी का घास का मैदान है। ऐसा बताया जा रहा है कि, वहां दोनों देशों के चरावाहे अक्सर सीमा पार कर जाते हैं। मगर, 100 से ज्यादा चीनी सैनिकों की भारतीय सीमा में घुसपैठ की घटना ऐसे समय में हुई है, जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्रों में गतिरोध जारी है। लद्दाख में पिछले साल दोनों देशों के बीच खूनी झड़प हो चुकी है..जिसमें भारत को 20 जवानों को खोना पड़ा था। इसके अलावा कुछ क्षेत्र से चीनी अभी भी नहीं लौटे हैं।
कई बार हुई है चीन की ओर से घुसपैठ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी सैनिकों के उत्तराखंड में चले आने की घटना 30 अगस्त की है, जब चमोली जिले के सीमांत इलाका बाडाहोती में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने घुसपैठ की थी। बताया जाता है कि वे कई घंटों तक वहां रहे। यह भी बताया जा रहा है कि, उनके साथ 50 घोड़े भी थे। इंग्लिश न्यूज वेबसाइट इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया कि, बाराहोती इलाके में चीन की तरफ से पहले भी घुसपैठ हुई है। इससे पहले सितंबर 2020 में भी चीनी सैनिकों के भारत में घुसने की खबर आई थी।