Health News – रूसी वैक्सीन स्पूतनिक लाइट के निर्यात को केन्द्र सरकार से मिली मंजूरी

sadbhawnapaati
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भारत सरकार ने घरेलू स्तर पर निर्मित रूस की सिंगल डोज वाली कोविड-19 रोधी वैक्सीन स्पुतनिक लाइट के निर्यात की इजाजत दे दी है। सूत्रों ने रविवार को बताया कि, इस वैक्सीन को अभी भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी गई है।
घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारतीय दवा कंपनी हेटेरो बायोफार्मा लिमिटेड को रूस को स्पुतनिक लाइट की 40 लाख खुराक निर्यात करने की अनुमति दी गई है। भारत आरडीआईएफ द्वारा स्थापित छह प्रमुख उत्पादकों के साथ साझेदारी के माध्यम से स्पुतनिक वी और स्पुतनिक लाइट टीकों के लिए एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र बन गया है।
स्पुतनिक लाइट रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी के कंपोनेंट-1 के जैसी है। भारत के दवा नियामक ने अप्रैल में स्पुतनिक वी के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। इसके बाद से भारत में एंटी-कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रोग्राम में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। रूसी राजदूत निकोलाय कुदशेव ने भारत सरकार से हेटेरो बायोफार्मा द्वारा उत्पादित स्पुतनिक लाइट को तब तक रूस में निर्यात की अनुमति देने का आग्रह किया था, जब तक इस टीके को भारत में डीजीसीआई द्वारा आपात इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिल जाती ।
सरकारी सूत्र ने कहा, सरकार ने भारतीय दवा कंपनी हेटेरो बायोफार्मा को रूस को स्पुतनिक लाइट की 40 लाख खुराक निर्यात करने की अनुमति दी है। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद इस सप्ताह निर्णय लिया गया। बता दें कि, भारत में अभी स्पुतनिक की दो डोज वाली कोरोना रोधी वैक्सीन को मंजूरी दी गई है। दरअसल स्पुतनिक लाइट का अभी रूस में तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। ऐसे में सरकार इसे मंजूरी देने से इनकार कर रही है।
स्पुतनिक लाइट में भी वही कंपोनेंट है, जो स्पुतनिक-वी में है। स्पुतनिक वी को भारत और अन्य जगहों पर इमरजेंसी उपयोग के लिए अधिकृत किया गया है। लाइट टीके को कई देशों में मंजूरी भी मिल चुकी है लेकिन भारतीय विशेषज्ञ जानना चाहते हैं कि क्या सिंगल-डोज़ वैक्सीन भारतीयों पर अच्छा काम करती है या नहीं। हालांकि, स्पुतनिक-लाइट का सफलता प्रतिशत करीब 80 फीसदी तक सामने आया है।
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