National News – रुद्रप्रयाग में भारी बर्फबारी और बारिश से जन-जीवन अस्त व्यस्त

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रुद्रप्रयाग के हिमालयी क्षेत्रों में कहीं बर्फबारी हो रही है तो कहीं बारिश हो रही है.

बारिश और बर्फबारी से ठंड भी बढ़ गई है जिससे आम जन जीवन पर खासा असर पड़ रहा है.

रुद्रप्रयाग के हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी तो निचले क्षेत्रों में बारिश जारी है. बारिश और बर्फबारी के कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है. बर्फबारी अब जनपद के केदारघाटी के गांवों में भी होने लगी है. जिस कारण परेशानियां बढ़ती जा रही है. केदारनाथ, तुंगनाथ, मदमहेश्वर, पर्यटक स्थल चोपता, सारी गांव, शिव पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण सहित अन्य क्षेत्रों में हिमपात हो रहा है. वहीं केदारनाथ धाम में छह फीट तक बर्फ जम चुकी है.

पहाड़ों में बर्फबारी और बारिश का दौर जारी

पहाड़ों में बर्फबारी और बारिश का दौर जारी है. मौसम विभाग ने तीन और चार फरवरी को हिमपात और बारिश होने की भविष्यवाणी की थी जो कि सच साबित हुई है. केदारनाथ, पर्यटक स्थल चोपता आदि क्षेत्रों में दो दिनों से जमकर बर्फबारी हो रही है. जबकि सम्पूर्ण रुद्रप्रयाग जिले में बारिश हो रही है. रुद्रप्रयाग के कई ग्रामीण क्षेत्रों में भी बर्फ गिर रही है. शिव पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण, अंतिम गांव रांसी, सारी सहित अन्य क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है. बर्फबारी होने से ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ रही हैं. चोपता-बद्रीनाथ मोटरमार्ग भी दो दिनों से बर्फबारी के कारण बंद पड़ा हुआ है.

लगातार बर्फबारी और बारिश से बढ़ी ठंड

लगातार बर्फबारी और बारिश होने से ठंड भी अत्यधिक बढ़ गई है. बर्फबारी के कारण शिव पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण का संपर्क ब्लाॅक एवं जिला मुख्यालय से कट गया है. यहां सड़क दो दिनों से आवाजाही के लिये बंद है. जबकि बिजली और पानी की व्यवस्था भी ठप है. वहीं केदारनाथ धाम में जमकर बर्फबारी हो रही है. धाम में छह फीट से अधिक तक बर्फ जमी हुई है.

केदारनाथ में पिछले दो महीने से पुनर्निर्माण कार्य ठप

अत्यधिक बर्फबारी के कारण केदारनाथ में पिछले दो महीने से पुनर्निर्माण कार्य भी ठप है. जबकि धाम में रहने वाले सभी मजदूर, कर्मचारी और पुलिस के जवान वापस लौट आये हैं. हालांकि धाम में कुछ साधु-संत अभी भी रह रहे हैं. केदारनाथ मुख्य मंदिर के आगे स्थित नंदी की प्रतिमा भी पूरी तरह से बर्फ से ढ़क चुकी है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।