Health News – मातृ-शिशु मृत्यु दर रोकने में इंदौर पीछे, जबलपुर हुआ अव्वल

sadbhawnapaati
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हाल ही में जारी आंकड़ों  के मुताबिक जबलपुर और अलीराजपुर टॉप में आए है। जिस की समीक्षा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी, पूरे मध्यप्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को रोकने में जबलपुर प्रथम स्थान आया है।
प्रदेश के किस जिले में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर की क्या स्थिति है, इसको लेकर राज्य सरकार मूल्यांकन कर रही है। बता दें कि प्रदेश में पहली बार 2022 में रेटिंग की गई है, जिसमें की मातृ एवं शिशु मृत्यु दर रोकने में जबलपुर और अलीराजपुर पहले स्थान में आए है, जबकि भोपाल छठवें-इंदौर 42 और ग्वालियर 51वें नंबर पर आया है।

पिछली बार जबलपुर आठवें स्थान पर था, इस बार अलीराजपुर के साथ जबलपुर अव्वल आया है। दरअसल, मध्य प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कैसे रोके सरकार इसमें गहन चिंतन हमेशा से ही करते आई है।  क्योंकि मध्यप्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को लेकर स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। लिहाजा मृत्यु दर को कम करने के लिए राज्य सरकार ने मूल्यांकन के साथ इसके लिए कुछ मापदंड निर्धारित किए हैं और उन मापदंडों के आधार पर जिलों की रैंकिंग भी की जा रही है।

हाल ही में जारी आंकड़ों  के मुताबिक जबलपुर और अलीराजपुर टॉप में आए है। जिस की समीक्षा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी, पूरे मध्यप्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को रोकने में जबलपुर प्रथम स्थान आया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि, गर्भवती महिलाओं की प्रसव से पहले चार जांच होती हैं, जिसमें कि एनीमिया का पता करना और उसे ठीक करना, इसके बाद गंभीर एनीमिया और उस पर सुधार करना, गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर का बढ़ना इसे समय पर ठीक करना सभी पर अंक निर्धारित किए गए हैं, इस तरह से राज्य सरकार ने 100 अंकों में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर रोकने के मूल्यांकन को विभाजित किया है। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य मूल्यांकन में जबलपुर और अलीराजपुर को 100 में से 56- 56 अंक मिले हैं, जबकि सीधी, राजगढ़, रीवा, भोपाल, रायसेन, बैतूल, धार और मंदसौर जिले टॉप टेन में शामिल हुए हैं। तो वहीं दूसरी तरफ इंदौर और ग्वालियर क्रमांश 42-51 नंबर पर रहे, वही आदिवासी बाहुल्य जिला डिंडोरी 21 और मण्डला 43 नंबर पर रहे है।

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