National News – भारतीयों की मदद के लिए भारत ने इन देशों के दूतावास से भेजीं टीमें, स्कूल में रुके हैं 200 से ज्यादा छात्र

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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रूसी सैन्य आक्रमण के बाद यूक्रेन ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। ऐसे में यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के प्रयास फिलहाल के लिए बंद हैं। हालांकि विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए, विदेश मंत्रालय की टीमों को यूक्रेन के साथ भूमि सीमाओं को साझा करने वाले देशों हंगरी, पोलैंड, स्लोवाक गणराज्य और रोमानिया से भेजा जा रहा है। हंगरी में भारतीय दूतावास ने गुरुवार को कहा कि उसने संकटग्रस्त राष्ट्र में फंसे भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने में मदद करने के लिए एक टीम भेजी है।
हंगरी में भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर कहा, “हंगरी में भारत के दूतावास से एक टीम को यूक्रेन से भारतीयों के बाहर निकलने के लिए समन्वय और सहायता प्रदान करने के वास्ते सीमा चौकी जोहानी के लिए भेजा गया है। मिशन हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए हंगरी सरकार के साथ काम कर रहा है।” इसने कहा, “भारत सरकार स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है और निकासी योजनाओं पर काम किया जा रहा है।” बता दें कि यूक्रेन और हंगरी एक दूसरे के साथ सीमा साझा करते हैं। हंगरी और यूक्रेन की टिस्जा नदी घाटी के साथ लगभग 137 किमी लंबी सीमा है।

दूतावास की ये घोषणा यूक्रेन द्वारा अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने के बाद हुई, जिसके कारण भारत और पूर्वी यूरोपीय राष्ट्र की राजधानी कीव के बीच सभी निर्धारित निकासी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।

भारतीय दूतावासों की ओर से टीमें भेजने की ये खबर ऐसे समय में भी आई हैं जब एक वायरल वीडियो में भारतीय छात्र कीव में भारतीय दूतावास के बाहर डेरा डाले खड़े दिख रहे थे। हालांकि बाद में यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा कि छात्रों को पास के स्कूल में टिकाया गया है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने राजधानी कीव में दूतावास के पास स्कूल में 200 से अधिक भारतीय छात्रों को रखा हुआ है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।