नई चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था लागू : एमबीबीएस छात्रों को गोद लेना होगा एक गांव,  हिपोक्रेटिक ओथ की जगह अब महर्षि चरक के नाम पर शपथ लेंगे

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Education News. एमबीबीएस पाठ्यक्रम में डॉक्टर हिपोक्रेटिक ओथ की जगह अब महर्षि चरक के नाम पर शपथ लेंगे। लंबी प्रक्रिया के बाद आखिरकार देश में नई चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था लागू हो गई। इसके साथ ही प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्रों के बैच को अब नजदीक में ही स्थित किसी एक गांव को गोद लेना होगा। वहां स्वास्थ्य सेवाओं पर काम करना होगा।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने बृहस्पतिवार को नई चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था आदेश जारी कर दिया। सभी मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय को इसका तत्काल पालन करने का निर्देश दिया गया है। इस साल बीते 14 फरवरी से लागू शैक्षणिक सत्र के लिए भी आदेश लागू होंगे। चरक शपथ के पीछे तर्क है कि इससे मेडिकल के छात्रों का भारतीय संस्कृति से जुड़ाव हो सकेगा।

12 महीने में पूरा होगा एमबीबीएस का प्रथम वर्ष

  • अभी देश में एमबीबीएस प्रथम वर्ष पूरा होने में करीब 14 माह का वक्त लगता है, लेकिन इस साल से यह 12 महीने यानी एक वर्ष में पूरा होगा। इसकी पूरी जानकारी मेडिकल कॉलेजों और यूनिवर्सिटी को आदेश के साथ भेज दी गई है।
  • आयोग ने एमबीबीएस के लिए नई योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा (सीबीएमई 2021) व्यवस्था लागू कर दी है। इसे 2019 में भी लागू किया था। हालांकि, आयोग का दावा है कि नई सीबीएमई लागू होने से अब पाठ्यक्रम समय पर पूरा हो सकेगा।

पूरी कोर्स अवधि में सिर्फ दो पूरक परीक्षाओं का मौका

  • एमबीबीएस छात्रों को पूरी कोर्स अवधि में सिर्फ दो बार ही पूरक परीक्षा देने का मौका मिलेगा। परीक्षा परिणाम जारी होने के चार से छह सप्ताह के बीच यह पूरक परीक्षा आयोजित होगी।
  • 10 दिन के अंदर पूरक परीक्षा का परिणाम जारी करना होगा। विश्वविद्यालय परीक्षा में फेल होने पर पूरक परीक्षा नहीं होगी।
  • प्रथम वर्ष के जो छात्र पूरक परीक्षा पास करेंगे उन्हें द्वितीय वर्ष में विशेष क्लास और वार्ड में अलग से ड्यूटी देते हुए कोर्स कवर अप करना पड़ेगा।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।