Education News. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने MPPSC-2019 के रिजल्ट पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने संशोधित नियम 17/2/2020 को असंवैधानिक करार देते हुए पुनः रिजल्ट तैयार करने का आदेश दिया है। आदेश 89 पेज में आया है।
बता दें कि करीब 60 छात्रों ने याचिका दायर की थी। अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक प्रसाद शाह के माध्यम से आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4(4) तथा संशोधन 17/2/2020 सहित रिजल्ट को चुनौती दी गई थी। कोर्ट को बताया गया था कि सरकार 17 फरवरी 2020 को संशोधित नियम लाई थी। नए नियम के तहत आरक्षित श्रेणी के प्रतिभावान छात्रों को सामान्य श्रेणी में शामिल न करने का नियम बना था।
सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब देते हुए विवादित नियमों को वापस लेने की बात कही थी। इन विवादों के बीच मप्र लोक सेवा आयोग ने पीएससी 2019 मेंस परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए थे। ये नतीजे विवादित नियमों के तहत जारी हुए थे। इन नतीजों को हाईकोर्ट ने कैंसिल कर दिया है और आदेश दिया है कि पुराने नियमों के तहत फिर से रिजल्ट जारी किया जाए। जानकारी के अनुसार इसमें कुल 330 पद थे जिनमें SDM , DSP जैसे प्रमुख पद भी शामिल थे।
याचिकाकर्ताओं के वकील रामेश्वर पी सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट ने माना है कि पीएससी के द्वारा नियमों का जमकर उल्लंघन किया गया है, जिससे आरक्षित वर्ग के परीक्षार्थियों को उनका वाजिब हक नहीं मिला है। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के परीक्षार्थियों को उनकी योग्यता के अनुसार परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा।