प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन: 2026 में होगा पहला ट्रायल, ज़रूरी परिवर्तन के बाद जापान से भारत आएगी हाई स्पीड ट्रेन

sadbhawnapaati
3 Min Read

सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन को लेकर जापान की हाई स्पीड शिंकासेन ट्रेन को भारत भेजे जाने से पहले यहां के अनुसार मोडिफाई किया जाएगा। इसमें भारत की परिस्थितियों जैसे वातावरण, धूल और वजन के अनुसार जरूरी परिवर्तन किए जाएंगे।
जिसके बाद इस ट्रेन को भारत की बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भेजा जाएगा।सतीश अग्निहोत्री ने बताया कि हमें जापान में चल रही ई-5 शिंकासेन श्रृंखला की ट्रेने मिलेंगी।
हालांकि अभी हम भारतीय परिस्थितियों के अनुसार अपग्रेड करने के लिए अध्ययन कर रहे हैं।

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के मैनेजिंग डायरेक्टर सतीश अग्निहोत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि यह परियोजना 2027 में सूरत से बिलमौरा में 48 किलोमीटर लंबे खंड को पूरा करने के लिए तैयार है।

जिसका एक साल पहले परीक्षण किया जा चुका है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण के मुद्दों के कारण परियोजना अटकी हुई है।

सतीश अग्निहोत्री ने बताया कि ई-5 श्रृंखला की हिताची और कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज द्वारा निर्मित जापानी शिंकासेन हाई-स्पीड ट्रेन का प्रकार हैं।

ये ट्रेन 320 किमी प्रति घंटे की गति से चलने में दौड़ती हैं। साथ ही इस ट्रेन की चौड़ाई 3.35 मीटर है। उन्होंने बताया कि ऐसी ट्रेनों में सबसे चौड़ी ट्रेन फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों में ही उपलब्ध है।

वहीं उन्होंने ये भी बताया कि जापान ट्रेनों को भारत को सौंपने से पहले वजन को लेकर भी काम कर रहा है। वे यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ये ट्रेनें भारतीयों वजन ढोने में सक्षम हों, क्योंकि जापानी हल्के होते हैं।

उन्होंने संकेत दिया कि जापान शुरू में छह ट्रेनें भेजेगा जो भारतीय निर्देशों के अनुसार अपडेट होंगी।
उन्होंने बताया कि भारत में असेंबल करने के लिए कोच भी लाए जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि ट्रेन के मॉडिफाई होने के बाद इसको भारत लाने को लेकर आदेश दिए जाएंगे।

परियोजना के बारे में बात करते हुए भारत में जापानी राजदूत सतोशी सुजुकी ने कहा कि जापान नवीनतम तकनीक के प्रयोग से हुई प्रगति से प्रभावित है। हम दूसरी श्रेणी की ट्रेन का निर्यात नहीं कर रहे हैं। हम ठीक ई-5 श्रृंखला की बुलेट ट्रेन को ही भारत भेजेंगे। उन्होंने बताया कि इस सीरीज की ट्रेन कई वर्षों से परिचालन में है। उन्होंने कहा कि जब भारत के पास अपनी बुलेट ट्रेन होगी तो हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें नवीनतम तकनीक मिले। उन्होंने बताया कि ई-5 बुलेट ट्रेन की तकनीक भूकंपरोधी है।

गौरतलब है कि गुजरात और दादरा और नगर हवेली में बुलेट ट्रेन के पूरे मार्ग निर्माण के लिए 100 प्रतिशत सिविल ठेके, यानी 352 किलोमीटर के ठेके भारतीय ठेकेदारों को दिए गए हैं। गुजरात में 237 किलोमीटर के लिए ट्रैक का काम पहले ही दिया जा चुका है और शेष 115 किलोमीटर का काम जल्द ही दिया जाएगा।

Share This Article