– अब केजरीवाल और मान सरकार दिल्ली और पंजाब के लोगों की तरक्क़ी के लिए एक-दूसरे के अच्छे काम सीखेंगे
नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम सरदार भगवंत मान ने आज नॉलेज शेयरिंग एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए। भारत के इतिहास में संभवतः पहली बार दो सरकारों ने नॉलेज शेयरिंग एग्रीमेंट किया है। अब केजरीवाल और मान सरकार दिल्ली और पंजाब के लोगों की तरक्क़ी के लिए एक-दूसरे के अच्छे काम सीखेंगे।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह भारत के इतिहास में एक नया प्रयोग है कि नॉलेज शेयर करने के लिए एग्रीमेंट किया गया है। हमने तय किया है कि दिल्ली और पंजाब के लोगों की तरक्क़ी के लिए हम एक-दूसरे के अच्छे कामों से सीखेंगे।
देश में यह एक नई तरह की पहल है। दो सरकारें मिलकर जनता के लिए काम करेंगी। एक-दूसरे के अच्छे कामों को सींखेंगे और सिखाएंगे। ऐसे ही दिल्ली और पंजाब आगे बढ़ेगा, ऐसे ही देश आगे बढ़ेगा। हम सब मिलकर बाबा साहब और सरदार भगत सिंह के सपनों को साकार करेंगे।
वहीं, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली और पंजाब सरकार का नॉलेज शेयरिंग एग्रीमेंट एक ऐतिहासिक कदम है। दोनों सरकारें एक दूसरे से सीखेंगी। हम दिल्ली के क्रांतिकारी काम पंजाब मे भी करेंगे। पंजाब के स्कूल और अस्पतालों का बहुत बुरा हाल है। डॉक्टर और शिक्षक हैं, लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। अगर हमें अच्छी चीजें सीखने के लिए इटली या किसी दूसरे राज्य में भी जाना पड़ेगा, तो हम जाएंगे।
हमें पंजाब को दोबारा हंसता-खेलता रंगला पंजाब बनाना है। इस अवसर पर दिल्ली के डिप्टी सीएम एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और मुख्य सचिव मौजूद रहे। इसके अलावा, पंजाब के शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत, स्वास्थ मंत्री डॉ. विजय सिंगला और मुख्य सचिव भी मौजूद रहे।
– नतीजे अच्छे आएंगे, तो ज्यादा से ज्यादा लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों के भेजना चालू करेंगे
नॉलेज शेयरिंग एग्रीमेंट से पहले दिल्ली सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पंजाब के सीएम भगवंत मान और उनकी टीम को प्रजेंटेशन के माध्यम से स्कूलों और अस्पतालों में हुए क्रांतिकारी बदलाव के बारे में विस्तार से बताया।
इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सीएम सरदार भगवंत मान और उनकी टीम को बताया कि पिछले साल दिल्ली सरकार के स्कूलों के 12वीं के नतीजे 99.7 फीसद आए थे। जब हम बताते हैं कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे 99.7 फीसद आए हैं, तो लोगों को लगता है कि दिल्ली के सरकारी स्कूल अच्छे हो गए हैं। जबकि करीब चार लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों से अपने नाम कटवा कर दिल्ली सरकार के स्कूलों में एडमिशन लिया है।
इससे लोगों को लगता है कि काम हो रहा है। हमारा सबसे पहला मकसद है कि हमारे स्कूलों के नतीजे अच्छे आए। बच्चों के नंबर अच्छे आएं। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग अपने बच्चों को दिल्ली सरकार के स्कूलों में भेजना चालू करेंगे।
हमारा दूसरा ध्यान अकादमिक और सह-पाठ्यचर्या पाठ्यक्रम की सामग्री पर है। छात्रों को क्या पढ़ाया जा रहा है? देशभक्ति, हैप्पीनेस करिकुलम और ईएमसी जैसे विभिन्न अनूठे पाठ्यक्रमों के माध्यम से हम छात्रों में समग्र विकास के लिए महान मूल्यों को विकसित कर रहे हैं।