अखंड धाम के संत दुर्गानंद का निकला डोला, खेड़ीघाट पर हुआ अंतिम संस्कार

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इन्दौर। बिजासन रोड स्थित प्राचीन अखंड धाम आश्रम के वरिष्ठ संत स्वामी दुर्गानंद की अंतिम यात्रा आज सुबह आश्रम से प्रारंभ होकर खेड़ीघाट स्थित नर्मदा तट पर अंतिम संस्कार के साथ संपन्न हुई। इसके पूर्व सुबह से बड़ी संख्या में आश्रम से जुड़े भक्तों ने उनकी पार्थिव देह पर पुष्पांजलि समर्पित की।
आश्रम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप, हरि अग्रवाल एवं स्वामी राजानंद ने बताया कि भानपुरा पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ, चित्रकूट के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी दिव्यानंद की ओर से भी पुष्पांजलि अर्पित की गई।
सारंगपुर की साध्वी भागवताचार्य अर्चना दुबे, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, पूर्व पार्षद दीपक जैन टीनू, चंगीराम यादव, आश्रम परिवार के मोहनलाल सोनी, ठा. विजयसिंह परिहार, सचिन सांखला, दिग्विजयसिंह सांखला, प्रभुप्रकाश कछवाह, किशोर सांखला, आदित्य सांखला सहित अनेक गणमान्य नागरिकों ने कर्मठ और सेवाभावी संत को अंतिम विदाई दी।
उनकी पार्थिव देह को डोले के रूप में सजाकर आश्रम परिसर में अंतिम यात्रा के बाद एक विशेष वाहन से नर्मदा तट स्थित खेड़ीघाट ले जाया गया, जहां अनेक संतों, विद्वानों एवं भक्तों ने अंतिम संस्कार किया।
स्वामी दुर्गानंद इन्दौर ही नहीं, मालवा के पहले ऐसे संत थे, जिन्होंने अपने जीवनकाल में ही करीब चार वर्ष पूर्व वे सभी शास्त्रोक्त क्रियाएं संपन्न कर ली थी, जो मृत्यु के बाद षोडशी रस्म में होती है।

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