गुप्त नवरात्रि कल से, ग्रह-नक्षत्र बना रहे हैं शुभ संयोग

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Religious News. प्रकट नवरात्रि के अलावा साल में और भी 2 नवरात्रि मनाई जाती है, जिनके बारे में कम ही लोगों को पता होता है, इन्हें गुप्त नवरात्रि कहते हैं। गुप्त नवरात्रि का पर्व आषाढ़ और माघ मास में मनाया जाता है।

इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का आरंभ 30 जून, गुरुवार से हो रहा है, जो 8 जुलाई, शुक्रवार तक मनाई जाएगी। गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा करने की परंपरा है। ये 10 महाविद्याएं तंत्र-मंत्र से प्रसन्न होती हैं और यहीं साधकों को गुप्त शक्तियां भी प्रदान करती हैं। आगे जानिए आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि से जुड़ी खास बातें.

ग्रह-नक्षत्र बना रहे हैं शुभ संयोग

ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का आरंभ कई शुभ योगों में हो रहा ह। 30 जून को पूरे दिन सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा, इसके अलावा इस दिन केदार, ध्रुव और हंस नाम शुभ योग भी बन रहे हैं। साथ ही इस समय मंगल, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह अपनी ही राशि में रहेंगे। इन 4 ग्रहों का अपनी ही राशि में होना भी शुभ फल प्रदान करेगा। इतने सारे शुभ योग एक साथ होने से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का महत्व और भी बढ़ गया है।

ये हैं घट स्थापना के मुहूर्त

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 जून, बुधवार की सुबह 08.21 से 30 जून, गुरुवार की सुबह 10.49 तक रहेगी। प्रतिपदा तिथि का सूर्योदय 30 जून को होने से इसी दिन घट स्थापना होगी। घट स्थापना के मुहूर्त सुबह करीब 5.26 से शुरू होगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:03 से 12:57 तक रहेगा।

इस विधि से पूरे 9 दिन करें देवी की पूजा

– गुप्त नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन सुबह स्नान आदि करने के बाद देवी प्रतिमा या चित्र के सामने खड़े होकर हाथ में फूल लेकर ध्यान और प्रार्थना करें। देवी को अलग-अलग तरह के फूल, चावल, कुमकुम, सिंदूर और अर्पित करें।
– देवी प्रतिमा के सामने शुद्ध घी का दीपक लगाएं और ये मंत्र बोलें- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चै। कम से कम 11 बार इस मंत्र का जाप अवश्य करें। इसके बाद देवी मां को भोग लगाएं। प्रदक्षिणा करें यानी 3 बार अपनी ही जगह खड़े होकर घूमें।
– इसके बाद देवी की आरती करें और मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें। प्रतिदिन इसी तरह पूजा करने से देवी प्रसन्न होती हैं और साधक को मनचाही सिद्धि प्रदान करती हैं। गुप्त नवरात्रि सिद्धियां पाने के लिए बहुत ही शुभ मानी जाती हैं।
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