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MP News in Hindi-1
नगरीय निकायों में निर्वाचन व्यय लेखा हेतु प्रेक्षक नियुक्त
त्रि-स्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय आम निर्वाचन -2022
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकाय निर्वाचन के तहत नगरपालिका निगमों के अभ्यर्थियों के निर्वाचन व्यय लेखा परीक्षण के लिए प्रेक्षकों की नियुक्ति की गयी है। इन प्रेक्षकों द्वारा महापौर/ पार्षद पद का निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के प्रतिदिन के निर्वाचन व्ययों पर नजर रखी जायेगी। प्रेक्षक द्वारा निर्धारित प्रारूप में प्रतिवेदन आयोग को भेजा जायेगा।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि व्यय लेखा के लिए से.नि. अपर आयुक्त प्रभाकर शिवहरे को नगरपालिक निगम इंदौर एवं देवास, से.नि. उपायुक्त व्ही.एस. भदौरिया को नगरपालिक निगम ग्वालियर एवं मुरैना, से.नि. उपायुक्त ओ.पी. पाण्डेय को नगरपालिक निगम भोपाल एवं रीवा, से.नि. उपायुक्त सुनील मिश्रा को नगरपालिक निगम उज्जैन एवं रतलाम, से.नि. संयुक्त संचालक गुलाब राव सूर्यवंशी को नगरपालिक निगम जबलपुर एवं कटनी, से.नि. संयुक्त संचालक भरत कुमार को नगरपालिक निगम खंडवा एवं बुरहानपुर, से.नि. कोषालय अधिकारी देवेन्द्र कुमार जैन को नगरपालिक निगम छिंदवाड़ा और से.नि. संयुक्त संचालक सतीश गुप्ता को नगरपालिक निगम सागर एवं सतना के लिए प्रेक्षक नियुक्त किया गया है।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि व्यय लेखा के लिए से.नि. अपर आयुक्त प्रभाकर शिवहरे को नगरपालिक निगम इंदौर एवं देवास, से.नि. उपायुक्त व्ही.एस. भदौरिया को नगरपालिक निगम ग्वालियर एवं मुरैना, से.नि. उपायुक्त ओ.पी. पाण्डेय को नगरपालिक निगम भोपाल एवं रीवा, से.नि. उपायुक्त सुनील मिश्रा को नगरपालिक निगम उज्जैन एवं रतलाम, से.नि. संयुक्त संचालक गुलाब राव सूर्यवंशी को नगरपालिक निगम जबलपुर एवं कटनी, से.नि. संयुक्त संचालक भरत कुमार को नगरपालिक निगम खंडवा एवं बुरहानपुर, से.नि. कोषालय अधिकारी देवेन्द्र कुमार जैन को नगरपालिक निगम छिंदवाड़ा और से.नि. संयुक्त संचालक सतीश गुप्ता को नगरपालिक निगम सागर एवं सतना के लिए प्रेक्षक नियुक्त किया गया है।
MP News in Hindi-2
महिलाओं की सुरक्षा के लिये बस और टैक्सियों में पेनिक बटन अनिवार्य – प्रमुख सचिव, परिवहन
प्रमुख सचिव परिवहन फैज अहमद किदवई ने बताया कि महिला यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से लोक सेवा वाहन बस, टैक्सी आदि परिवहन साधनों में एक अगस्त, 2022 तक व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस तथा आपातकालीन बटन (पेनिक बटन) लगाया जाना अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है।
श्री किदवई ने बताया कि 31 दिसम्बर, 2018 से पूर्व के पंजीकृत समस्त लोक सेवा वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस तथा पेनिक बटन लगाया जाना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि वाहनों में ट्रेकिंग डिवाइस लगाने के लिये संस्थाओं के पंजीयन की कार्रवाई की जा रही है। पंजीकृत संस्थाओं की सूचना समय-समय पर जारी की जायेगी।
श्री किदवई ने बताया कि 31 दिसम्बर, 2018 से पूर्व के पंजीकृत समस्त लोक सेवा वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस तथा पेनिक बटन लगाया जाना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि वाहनों में ट्रेकिंग डिवाइस लगाने के लिये संस्थाओं के पंजीयन की कार्रवाई की जा रही है। पंजीकृत संस्थाओं की सूचना समय-समय पर जारी की जायेगी।
राज्य स्तरीय कंट्रोल-रूम
व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस के लिये परिवहन कार्यालय भोपाल में राज्य स्तरीय कंट्रोल-रूम की स्थापना की जा रही है। यह कंट्रोल-रूम सभी लोक सेवा वाहनों की रियल टाइम ट्रेकिंग करेगा।
MP News in Hindi-3
पूरी तरह पेपरलेस होगा बिलिंग सिस्टम
– हर माह कटने से बचेंगे एक लाख से ज्यादा पेड़
– बिजली कंपनी को होगी 22 लाख रुपए की बचत, 1.40 करोड़ लीटर पानी भी बचेगा
मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी यह घोषणा कर चुकी है कि वह आने वाले दो माह में 15 जिला मुख्यालयों में बिलिंग सिस्टम को पूरी तरह से पेपरलेस कर देगी। कंपनी 15 जिला मुख्यालय के बिजली बिल में लगने वाले कागजों की खपत को खत्म कर एक माह में ही ना केवल 1 लाख पेड़ कटने से बचाएगी, बल्कि 1.40 करोड़ लीटर पानी भी वेस्ट होने से बचेगा।
पर्यावरण विशेषज्ञ व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व मुख्य प्रयोगशाला अधिकारी डॉ. डीके वाघेला ने बताया कि एक टन ए-4 साइज का पेपर बनाने के लिए 17 पेड़ काटना पड़ते हैं। वहीं बिजली कंपनी पेपरलेस बिल सिस्टम लागू करने से 14 लाख पेपर की हर माह बचत करेगी। इस हिसाब से देखें तो 14 लाख पेपर का वजन 6 हजार 104 टन होता है। इतने टन पेपर बनाने के लिए लगभग 1 लाख 3 हजार 768 पेड़ कटेंगे। कंपनी पेपर लेस बिल योजना से इतने ही पेड़ हर महीने काटने से बचाएगी।
पर्यावरण विशेषज्ञ व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व मुख्य प्रयोगशाला अधिकारी डॉ. डीके वाघेला ने बताया कि एक टन ए-4 साइज का पेपर बनाने के लिए 17 पेड़ काटना पड़ते हैं। वहीं बिजली कंपनी पेपरलेस बिल सिस्टम लागू करने से 14 लाख पेपर की हर माह बचत करेगी। इस हिसाब से देखें तो 14 लाख पेपर का वजन 6 हजार 104 टन होता है। इतने टन पेपर बनाने के लिए लगभग 1 लाख 3 हजार 768 पेड़ कटेंगे। कंपनी पेपर लेस बिल योजना से इतने ही पेड़ हर महीने काटने से बचाएगी।
1.40 करोड़ लीटर पानी की होगी बचत
पर्यावरण विशेषज्ञों की माने तो कागज की एक ए-4 साइज शीट बनाने के लिए 10 लीटर पानी का उपयोग किया जाता है। इस तरह बिजली कंपनी हर माह 1.40 करोड़ लीटर पानी को वेस्ट होने से बचाएगी। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कागज बनाते समय पानी का पुन: उपयोग नहीं किया जाए तो पानी की यह वैल्यू डबल से ज्यादा हो जाएगी। बता दें कि एक पेड़ सालाना 117 किलोग्राम ऑक्सीजन पैदा करता है और 22 किलोग्राम कार्बन सोख लेता है।
कंपनी हर माह बचाएगी 22 लाख रुपए
बिजली कंपनी को पेपर लेस बिजली बिल सिस्टम लागू करने से हर माह लगभग 22 लाख 40 हजार रुपए की बचत होगी। कंपनी के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार कंपनी को 14 लाख बिल की प्रिंटिंग और उसके वितरण पर प्रति बिल 1 रुपए 60 पैसे का खर्च आता है। कंपनी अधिकारियों का कहना है कि कंपनी को पेपर और प्रिंटिंग में 60 पैसे का खर्च आता है। यह सस्ता इसलिए पड़ता है, क्योंकि उसे बिल के आगे और पीछे छापने के लिए हर माह विज्ञापन मिलते हैं।
बिजली कंपनी की यह है योजना
मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर सहित उज्जैन, रतलाम, देवास, शाजापुर, आगर, धार, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, झाबुआ, आलीराजपुर, मंदसौर और नीमच जिला मुख्यालयों पर अगले 2 माह में पेपर लेस बिल सिस्टम शुरू करने जा रही है। बिजली कंपनी के इंदौर सहित इन सभी 15 जिला मुख्यालय वाले शहरों में कुल 14 लाख बिजली उपभोक्ता है।