दिल्ली में कूड़े पर सियासत, यमुना पर कौन देगा ध्यान? इस बन्दर बाँट में लोगो को करनी पड़ेगी गंदे पानी में छठ पूजा

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नई दिल्ली। दिल्ली में एमसीडी चुनाव की आहट के बीच भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी में घमासान छिड़ गया है। गाजीपुर में लैंडफिल साइट को लेकर दोनों दल भिड़ गए हैं। कूड़े के पहाड़ के लिए दोनों दल एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
इस बीच यमुना की झाग वाली तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें 30 और 31 अक्टूबर को लाखों लोग छठ पूजा करने जा रहे हैं। पहले भी झाग के बीच छठ व्रतियों की तस्वीरों ने दिल्ली की खूब किरकिरी कराई है।

दिल्ली में पूर्वांचल की एक बड़ी आबादी रहती है। हजारों लोग छठ से पहले घर चले जाते हैं तो लाखों लोग दिल्ली में ही लोक आस्था के महापर्व को मनाते हैं। यही वजह है कि छठ पूजा को लेकर दिल्ली में राजनीति भी होती आई है।

इस बार फिर दिल्ली सरकार और एलजी ऑफिस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इस बीच न्यूज एजेंसी एएनआई ने दिल्ली के मौजूदा हालात को दिखाते हुए वीडियो जारी किया है। यमुना में प्रदूषण की वजह से हर तरफ झाग ही झाग नजर आ रहा है।

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन सभी घाटों पर पूजा की अनुमति दी है, जिन्हें स्वीकृति मिली है। उन्होंने मुख्यमंत्री को निर्देश दिए हैं कि इन घाटों की सफाई और श्रद्धालुओं के लिए पानी की व्यवस्था की जाय। खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यमुना में साफ पानी की व्यवस्था की जाए, लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

एनजीटी के आदेशों का पालन करें
राजधानी में कुल 1100 स्वीकृत घाट हैं। उपराज्यपाल ने राजस्व और पर्यावरण विभाग को निर्देश दिए हैं कि यमुना में प्रदूषण को लेकर एनजीटी के आदेशों का सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि छठ पूजा केवल स्वीकृत घाटों पर ही होगी। पहले मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया था कि यमुना किनारे कहीं भी पूजा हो सकती है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।