पेम्प्लेट, टेलीकालिंग, फेसबुक एड, करके रजिस्टर्ड कालोनी की आड़ में प्री बुकिंग कर बेच रहे खेत की जमीन
Indore Rera News. आशियाना खरीदने की चाह में लोगों के जीवन भर की कमाई को धोखाधड़ी से बचाया जा सके इसके लिए केंद्र सरकार ने रियल एस्टेट (विनियडायरियोंमन और विकास) अधिनियम, 2016 बनाया ताकि फर्जीवाड़े को रोका जा सके। लेकिन इंदौर के खरीदारों को अभी तक इस एक्ट का बहुत अधिक फायदा नहीं मिला। यहाँ रेरा अथॉरिटी जमीनी हकीकत से जानबूझकर आँखे मूंदे बैठी है मॉनिटरिंग के नाम पर कोई एक्शन नहीं है, इंदौर शहर की आबादी दिनों दिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में लोग अब खुद के आशियाने के लिए जमीन की खाक छान रहे हैं।जमीन दलाल इसका जमकर फायदा उठा रहे हैं। उनके द्वारा गांव सहित शहर की जमीन की खरीद फरोख्त की जाती है। उसके बाद उस जमीन में अवैध प्लाटिंग कर बेचा जाता है, मोटी कमाई के लालच में दलाल सारे नियम कायदों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। प्रॉपर्टी एजेंट जनता के साथ खुलेआम पेम्पलेट, टेलीकालिंग, फेसबुक एड करके रजिस्टर्ड कालोनी की आड़ में प्री बुकिंग कर खेत की जमीन बेच रहे है.
कैसे होता है प्री बुकिंग/डायरियों का खेल
इंदौर जिला मुख्यालय सहित सटे गांवों से लगी कृषि भूमि, विशेष तौर पर सुपर कॉरिडोर पर इन दिनों दलालों की नजर गढ़ी हुई है। दलाल इन जमीनों को एग्रीमेंट या फिर कृषि भूमि के नाम से रजिस्ट्री कराकर बिना डायवर्सन अवैध प्लाटिंग कर बेच रहे हैं। ऐसा करके यह लोग उन लोगों को गलत तरीके से फंसा कर प्लाट बेचते हैं, जो कि अपना आशियाना बनाने की चाहत में पाई-पाई जोड़ते हैं। इस अवैध कारोबार में प्रशासन की भी पूरी मदद मिल रही है। प्रशासनिक अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी इस ओर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं।अवैध प्लाटिंग का यह कारोबार सबसे अधिक सुपर कॉरिडोर, बाईपास, हातोद के नजदीक, नेमावर रोड और धार रोड पर पनप रहा है. फर्जी एजेंटों द्वारा आलीशान कमर्शियल बिल्डिंगों में कारपोरेट ऑफिस खोलकर पेम्पलेट, टेलीकालिंग, फेसबुक एड करके ग्राहकों को आकर्षित किया जाता है और रजिस्टर्ड कालोनी की आड़ में अपकमिंग प्रोजेक्ट की प्री बुकिंग कर खेत की जमीन को अच्छे रिटर्न की गारंटी देकर फंसाया जाता है जबकि रेरा के नियम अनुसार एक ही प्रोजेक्ट के विभिन्न चरणों का अलग-अलग रजिस्ट्रेशन होता है. बाद में प्रमोटर, बिल्डर और रियल एस्टेट एजेंट ग्राहकों के पैसे का ग़लत उपयोग करने की नियत से एकतरफ़ा एग्रीमेंट करते हैं, जिससे उन्हीं का पक्ष मज़बूत रहता है और वे ख़रीदारों पर हावी रहते हैं. यह ग़लत ही नहीं, बल्कि एक आपराधिक साज़िश, कार्पोरेट फ्रॉड और धोखाधड़ी है.
यहाँ समझें रेरा के नियम और बिल्डर/एजेंट की चालाकियों को
दैनिक सदभावना पाती अख़बार की पहली ही पड़ताल में सामने आया बड़ा फर्जीवाडा
प्रोजेक्ट का बगैर रेरा पंजीयन चल रहा कारोबार –
इंदौर शहर के बाहर किसी भी दिशा में चले जाइए प्रॉपर्टी एजेंट के बड़े-बड़े साइन बोर्ड आपको लुभाते नजर आ जाएंगे, इनके न प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड है और न ही इसे बेचने वाले प्रॉपर्टी एजेंट, छोटे प्रोजेक्ट की तो बात छोड़िए जो बड़े स्थापित नाम है वह भी बिना रेरा रजिस्ट्रेशन के प्रॉपर्टी बेच रहे हैं ऐसा ही एक बड़ा नाम ओमेक्स सिटी का है। ओमेक्स जैसा प्रतिष्ठित ग्रुप भी इस अनियमितता पर चुप है। ओमेक्स सुपर कॉरिडोर पर कथित रूप से एक नया प्रोजेक्ट ओमेक्स निकेतन नाम से लांच कर रहा है। इंदौर के ओमेक्स ग्रुप के ऑथोराइज्ड डीलर आशीष बड़जात्या एंड एसोसिएट खुलेआम फेसबुक कैंपियन से ओमेक्स निकेतन सुपर कॉरिडोर के नाम पर विज्ञापन चला रहे हैं, जबकि ओमेक्स निकेतन के नाम से रेरा की वेबसाइट पर कोई योजना पंजीकृत ही नहीं है. आशीष बड़जात्या के नंबर पर कॉल करने पर इस प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी दी जाती है, 3200 से लेकर 4500 स्क्वायर फ़ीट तक प्री बुकिंग की जा रही है. आधे पैसे अभी, आधे पैसे रेरा अप्रूवल आने के बाद (लगभग 2 वर्ष बाद) दिए जाने का अनुबंध भी किया जा रहा है, इसे ही जमीन डायरियों पर बेचना कहा जाता है. सूत्रों के अनुसार ओमेक्स और किसानों के बीच सुपर कॉरिडोर पर जमीन की रजिस्ट्री भी बाकी है और जमीन के जादूगरों ने प्लॉट के नाम पर 50% के साथ प्री बुकिंग चालू कर दी है.
आशीष बड़जात्या नहीं है पंजीकृत एजेंट –
एजेंट्स का रेरा अप्रूवल होना जरुरी है सेक्शन 3 – RERA में रजिस्ट्रेशन कराए बिना प्रमोटर बिक्री के लिए विज्ञापन, किताब या बिक्री की पेशकश नहीं कर सकता। सेक्शन 9 – RERA रजिस्ट्रेशन के बिना कोई एजेंट किसी प्रोजेक्ट को नहीं बेच सकता, जो भी बिक्री एजेंट करेंगे, उसमें उनका RERA नंबर भी लिखा होगा, रजिस्ट्रेशन को रिन्यू भी कराना होगा, अगर नियमों का उल्लंघन किया गया तो रजिस्ट्रेशन रद्द या ब्लॉक किया जा सकता है। सेक्शन 10 कोई एजेंट बिना रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट को नहीं बेच सकता।कोई गलत बयान-मौखिक, लिखित, विजुअल अखबार में या कोई भी विज्ञापन के प्रकाशन नहीं कर सकता वही ग्राहकों को बुकिंग के वक्त सभी डॉक्युमेंट्स मुहैया कराना आवश्यक होगा नियम से न चलने वाले दलालों को भारी जुर्माना, जेल या दोनों हो सकते हैं।
रेरा की वेबसाइट https://www.rera.mp.gov.in/ की पंजीकृत एजेंट सूचि में आशीष बड़जात्या का नाम नहीं मिलता है और न ही उनके पार्टनर रजनीश जैन पंजीकृत सूची में शामिल है.
जानकारी के अनुसार 12 जुलाई 2022 को आशीष बड़जात्या का रेरा पंजीकरण समाप्त हो गया उसके बाद ही उन्होंने ओमेक्स निकेतन सुपर कॉरिडोर के नाम पर विज्ञापन चलाये, किये जा रहे दावों के अनुसार सैकड़ों प्लाट की प्री बुकिंग की जा चुकी है जबकि उनका रेरा में पंजीयन तक नहीं हैं और खेती जमीन का सौदा कर उन्हें प्लाट के रुप में टुकड़े कर ओमेक्स का प्रोजेक्ट बताकर बेचा जा रहा है जमीन की कीमत दलाल द्वारा 3200 से लेकर 4500 रुपए वर्गफीट तक तय की गई है। आशीष ने बाक़ायदा ऑर्बिट माल, एबी रोड विजयनगर इंदौर में आफिस का संचालन भी कर रखा है, कर्मचारियों के साथ मिलकर लोगों को यहीं से झांसा दिया जा रहा है.
एट ए ग्लांस :
आंकड़ों से समझिये
खबर लिखे जाने तक इसमें 5411 पंजीकृत परियोजनायें, 633 अपंजीकृत परियोजनायें और रेरा के साथ 2847 प्रमोटर एवं 1091 रियल एस्टेट एजेंट रजिस्टर्ड हैं.
रेरा कानून में अनेकों प्रावधान है जिनमे मुख्य दो बाते हैं – यदि कोई डेवलपर RERA अधिनियम के तहत किसी भी कानून का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो 3 साल तक की कैद या परियोजना की अनुमानित लागत का 10% पेनल्टी देय होगी, यदि रियल एस्टेट एजेंट वैध RERA पंजीकरण के बिना अपने प्रोजेक्ट पर बिक्री करते हुए पाए जाते हैं, तो उन्हें प्रति दिन 10,000 रुपये या प्रोजेक्ट की लागत का 5% तक का भुगतान करना होगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कॉलोनाइजर एक्ट के तहत कृषि भूमि पर प्लॉटिंग करना प्रतिबंधित है, इंदौर के पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह ने डायरियों/प्री बुकिंग के नाम पर प्लाट बेचने वाले कई एजेंटों, प्रमोटरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर जेल भेजा था. पदासीन कलेक्टर इलैया राजा टी. द्वारा इस मामले में संज्ञान लेकर क्या कार्यवाही की जाएगी यह देखना होगा ?