स्कूल संचालक से मांगे थे दस लाख रुपए, चार लाख रुपए में हुआ था तोड़, आरटीआई एक्टिविस्ट कर रहा स्कूल संचालक को ब्लैकमेल, जिला परियोजना अधिकारी ने जांच खत्म करने एवं आगे कार्रवाई नहीं करने के नाम पर ली रिश्वत
Indore News in hindi। कल शुक्रवार को लोकायुक्त ने शिक्षा विभाग की अधिकारी को एक लाख रुपए लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। फरियादी की शिकायत पर लोकायुक्त ने सुनियोजित रणनीति के तहत शिक्षा विभाग की अधिकारी शीला मरावी को रुपए लेते हुए पकड़ा। आरोपी फरियादी से कार्रवाई नहीं करने के नाम पर दस लाख रुपए की रिश्वत मांग रही थी जिसकी शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त में की थी।
लोकायुक्त अधिकारी ने बताया कि फरियादी का स्कूल बीजलपुर में है और शिक्षा विभाग से उसकी मान्यता भी है जिसके स्कूल 2019 से लेकर 2024 तक बोर्ड की परीक्षाएं भी छात्रों को दिलवाता रहा है। इस बीच आरटीआई एक्टिविस संजय मिश्रा जिला शिक्षा परियोजना अधिकारी से सूचना के अधिकार में जानकारी लेकर ब्लैकमेल कर रहा था। जिला शिक्षा परियोजना अधिकारी शीला मरावी जांच नहीं करने तथा संजय मिश्रा से शिकायत नहीं करने का लिखवाकर देने के नाम पर दस लाख रुपए की मांग कर रही थी। लोकायुक्त के निर्देशानुसार अधिकारी से बात करने पर शीला मरावी से मामला चार लाख रुपए में तय हुआ। इसके एक लाख रुपए देते हुए लोकायुक्त ने मरावी को टांगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
एक लाख रुपए की रिश्वत लेते शिक्षा विभाग अधिकारी गिरफ्तार
फरियादी दिलीप बुझानी निवासी ट्रेजर टाउन ने बताया कि उनका एमपी पब्लिक स्कूल अशोक नगर एवं एमपी किड्स स्कूल अंजली नगर में है इसके दोनों ही स्कूल शासन से विधिक मान्यता प्राप्त होकर संचालित हैं और वर्ष 19-20 से 23-24 तक विधिक मान्यता के साथ इनके द्वारा छात्र /छात्राओं को 5वी एवं 8वी बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित कराया गया था इसके उपरांत भी आर टी आई एक्टिविस्ट संजय मिश्रा द्वारा जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र इंदौर शीला मेरावी के कार्यालय से सूचना के अधिकार अंतर्गत उक्त दोनों ही स्कूलों के छात्र / छात्राओं की पाँचवी एवं आठवीं की परीक्षा में सम्मिलित होने के संबंध में जानकारी लेकर संचालक दिलीप बुधानी को ब्लैकमेल करने लगा.
उसका कहना था कि वह उनके दोनों स्कूलों की मान्यता समाप्त करा देगा, जाँच को समाप्त करने एवं आगे भी संजय मिश्रा कोई शिकायत नहीं करेगा ऐसा लिखवाकर देने की एवज में जिला परियोजना समन्वयक शीला मेरावी द्वारा 10 लाख रुपए रिश्वत की माँग की जा रही थी जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त राजेश सहाय को की गई जांच में शिकायत सही पाई गई बातचीत के दौरान 4 लाख रुपये में लेनदेन तय हुआ। आरोपिया के विरुद्ध धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई कर की ट्रेप कार्यवाही की गई, जिसमें आरोपी को आवेदक से प्रथम किश्त के रूप में एक लाख की रिश्वत राशि लेते हुए उनके कार्यालय में ट्रैप किया गया।