Indore News in Hindi। जल ही जीवन है, और इसके संरक्षण के बिना भविष्य अधूरा! इसी संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इंदौर नगर निगम द्वारा विश्व जल दिवस के अवसर पर अमृत मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अनूठी पहल के तहत प्राचीन जल स्रोतों के संरक्षण और जीर्णोद्धार पर जोर दिया गया। कार्यक्रम के दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त शिवम् वर्मा ने वार्ड 9, स्कीम 51, संगम नगर स्थित पारंपरिक बावड़ी में जल प्रवाह कर ‘अमृत मिलन’ की शुरुआत की। जल संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम! कार्यक्रम का उद्देश्य जल संरक्षण की जागरूकता फैलाना और पारंपरिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना था। इस मौके पर पार्षद राहुल जायसवाल, भारत सिंह रघुवंशी, पराग कौशल, अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया सहित अनेक गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
महापौर ने जल संरक्षण का दिया संदेश
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि जल जीवन का आधार है, इसे संरक्षित करने के लिए गंभीर प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे पारंपरिक जल स्रोतों, बावड़ियों और कुओं को संरक्षित करें और जल संकट से बचने के लिए जल का विवेकपूर्ण उपयोग करें। इस अवसर पर महापौर ने उपस्थित नागरिकों को जल संरक्षण और प्राचीन जल स्रोतों के पुनरुद्धार की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं, बल्कि इसमें आम जनता की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
अमृत मिलन – क्यों है यह पहल खास?
पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण और पुनर्जीवित करने की मुहिम
नागरिकों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक बनाने की पहल
बावड़ियों और कुओं के जीर्णोद्धार से जल संकट का समाधान
संदेश स्पष्ट – जल बचाएं, भविष्य संवारें!
इंदौर नगर निगम की यह पहल शहर के जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इस अभियान से जल संरक्षण के प्रति जनभागीदारी बढ़ेगी और आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ एवं पर्याप्त जल उपलब्ध हो सकेगा।