कल नवनीत प्लाजा में पेड़ काटने वालों पर स्पॉट फाइन और पुनः वृक्षारोपण का उदाहरण
इंदौर। रूपरामनगर, वार्ड क्रमांक 66 में एक बड़े और पुराने पेड़ की अवैध कटाई का मामला उजागर हुआ है। जागरूक नागरिकों ने घटना के फोटो लेकर नगर निगम उद्यान अधिकारी नरेंद्र भदौरिया को भेजे और कटाई रोकने का अनुरोध किया।
सूचना मिलते ही उद्यान अधिकारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर पेड़ की कटाई रुकवाई। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि नगर निगम के ही सहायक उद्यान अधिकारी की कथित असत्य जांच रिपोर्ट के आधार पर पेड़ की कटाई व स्थानांतरण की अनुमति प्रदान की गई थी। चौंकाने वाली बात यह रही कि कटाई का कार्य नगर निगम की हाइड्रोलिक वाहन पर लगे केबिन में बैठकर निगम के ही कर्मचारी कर रहे थे।
इसी बीच, कल दिनांक 7 अगस्त को नगर निगम ने एक अलग मामले में कड़ा रुख अपनाया। नवनीत प्लाजा में बिना अनुमति के पेड़ काटने पर सोसायटी पर 30 हजार का स्पॉट फाइन वसूल किया गया। निगम ने सोसायटी अध्यक्ष उमेश भदिया से उसी स्थान पर 8 फीट ऊंचा मोरसली का पेड़ लगवाया और लिखित वचन लिया कि बड़े होने तक उसकी रक्षा की जाएगी। सोसायटी द्वारा ट्री गार्ड लगाने की भी शर्त रखी गई।
नगर निगम के अपर आयुक्त (उद्यान) अभय राजनगांवकर ने बताया कि “जिस स्थान पर पेड़ काटा गया था, उसी स्थान पर नया पेड़ लगाया गया है और उसकी सुरक्षा का जिम्मा संबंधित सोसायटी का होगा।”
दोनों घटनाएं यह सवाल खड़ा करती हैं — जब निगम अन्य मामलों में फाइन और वृक्षारोपण की सख्ती दिखा सकता है, तो अपने ही कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही पर वैसी ही कठोर कार्रवाई क्यों नहीं होती?