इंदौर। ज्योतिषाचार्य श्री विनोद कुमार जैन के अनुसार 03 दिसम्बर से शुरू हुई ग्रह-स्थिति प्रदेश में मन्त्रीमंडल एवं प्रशासन IAS /IPS में बदलाव के गहरे महत्वपूर्ण हलचल का संकेत दे रही है। उन्होंने बताया कि सूर्य का ज्येष्ठा नक्षत्र व वृश्चिक राशि में प्रवेश, साथ ही मंगल का अस्त होना, आगामी दिनों में “धीमे लेकिन गहरे सर्जिकल निर्णयों” की परिस्थिति बना सकता है।
🔸 सूर्य – ज्येष्ठा नक्षत्र में प्रवेश
सूर्य सत्ता, प्रशासन, अनुशासन और उच्च-स्तरीय निर्णयों का कारक ग्रह है।
ज्येष्ठा नक्षत्र स्वभाव से—
रहस्यों को उजागर करने वाला
छिपी बातों को पकड़ने वाला
जांच और नियंत्रण से जुड़ा नक्षत्र माना गया है।
वृश्चिक राशि का स्वभाव भी गहराई, गोपनीयता और निर्णायकता को दर्शाता है।
श्री जैन के अनुसार, सूर्य का यहां सक्रिय होना राजनैतिक प्रशासनिक तेज़ी को बढ़ा देता है।
🔸 मंगल – अस्त स्थिति में, वही ज्येष्ठा क्षेत्र में
मंगल राजनैतिक प्रशासन पुलिस, एक्शन, निर्णय क्षमता और ‘सर्जरी स्टाइल’ कार्यवाही का ग्रह है।
इसके अस्त होने से ऊर्जा बाहरी शोर की बजाय भीतरी तैयारी और गुप्त रणनीति की ओर मुड़ जाती है।
श्री जैन का कहना है कि यह स्थिति अक्सर
पुराने मामलों का खुलना,
अचानक जांचों का तेज होना,
संवेदनशील फाइलों पर हरकत
का संकेत देती है।
🔸 वरिष्ठ पदों का प्रतिनिधि ग्रह – मंगल
जब प्रतिनिधि ग्रह अस्त हो और सूर्य उसी क्षेत्र में प्रभावी हो, तो –
पदस्थापना परिवर्तन,
विभागीय जांच,
सर्जिकल प्रशासनिक फैसलों
जैसी स्थितियाँ बनना स्वाभाविक है।
ज्योतिषाचार्य श्री विनोद कुमार जैन ने आगे बताया कि, मौजूदा ग्रह-स्थिति केवल प्रशासनिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि देश के व्यापक हालात में भी कुछ महत्वपूर्ण संकेत दे रही है। पूरवोत्तर भारत में उपद्रव या अशांति के योग बनने की संभावना दिखाई देती है, जबकि कुछ राज्यों में प्राकृतिक प्रकोप, जन–धन हानि तथा आकस्मिक घटनाओं के संयोग भी नज़र आ रहे हैं। पच्छिमोत्तर भारत में आने वाले दिनों में तेज शीत लहर अपना असर दिखा सकती है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सूर्य और मंगल की इस विशेष स्थिति के कारण सोना, पीतल और अन्य धातुओं के भावों में तेजी बनी रहने की प्रबल संभावना है, बाजार में अचानक उछाल देखने को मिल सकता है।
🔶 कुल संकेत
ज्योतिषाचार्य श्री जैन के अनुसार,
“ऊपर ग्रहों की यह गठरी बता रही है कि प्रदेश प्रशासन विशेषकर ढाँचे में शांत सतह के नीचे गहरी हलचल चल रही है। आने वाले दिनों में कुछ ऐसी फाइलें खुल सकती हैं, जिनका अनुमान भी नहीं था।”

