प्रेग्नेंट Anushka Sharma ने आखिर क्यों खुल्लम खुला कहा, ‘बेटा होना ही ‘विशेषाधिकार’ न समझे’

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesdh) के हाथरस और बलरामपुर में दो युवतियों के साथ जो हुए उससे पूरे देश में गुस्सा है. सोशल मीडिया (Social Media) पर आम से खास हर कोई इस घटना पर नाराजगी जाहिर कर रहा है. बॉलीवुड (Bollywood) के कई सितारों इन मामलों पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं, लेकिन इस बीच बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) ने एक लंबा चौड़ा पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें प्रेग्नेंट अनुष्का इन घटनाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए समाज में बेटे-बेटियों के बीच अंतर और लोगों की मानसिकता पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने खुलेआम लिखा- क्या बेटा होना ही ‘विशेषाधिकार’ है? अनुष्का शर्मा अपने इंस्टा स्टोरी पोस्ट शेयर किया है. उन्होंने लिखा- हमारे समाज में एक पुरुष बच्चे को ‘विशेषाधिकार’ के रूप में देखा जाता है.

बेशक, लड़की होने से ज्यादा मान और किसी में नहीं है, लेक‍िन तथ्य यह है कि इस तथाकथ‍ित विशेषाध‍िकार को गलत तरीके से और बहुत ही पुरानी नजर‍िए के साथ देखा गया है. जिस चीज में विशेषाध‍िकार है वह इसमें कि आप अपने लड़के को सही परवर‍िश दें ताक‍ि वह लड़क‍ियों की इज्जत करे. समाज के प्रति पैरेंट होने के नाते यह आपकी जिम्मेदारी है. इसल‍िए इसे विशेषाध‍िकार न समझें.’ उन्होंने आगे लिखा- ‘बच्चे का जेंडर आपको विशेषाध‍िकार या प्रतिष्ठि त नहीं बनाता पर यह असल में समाज के प्रति आपकी जिम्मेदारी है क‍ि आप अपने बेटे को ऐसी परवर‍िश दें क‍ि एक महिला यहां सुरक्षिित महसूस करे.’ इससे पहले अनुष्का ने उत्तर प्रदेश में हुए रेप केस पर गुस्सा जाहिर किया था. उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर लिखा- ‘अभी कुछ ही समय गुजरा था और हम एक और दिल दहला देने वाली क्रूर रेप के बारे में सुन रहे हैं. कौन हैं वे राक्षस जो एक मासूम की जिंदगी तबाह करने के बारे में सोचते हैं’. आपको बता दें कि अनुष्का जल्द मां बनने वाली हैं.

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
107 Comments