अनेक जाने-माने संतों का आगमन
इन्दौर। ए.बी. रोड़, एमजीएम मेडिकल कालेज के पास स्थित श्रीश्री माता आनंदमयी पीठ पर आयोजित चार दिवसीय मातृ जन्म महोत्सव का शुभारंभ सोमवार 16 मई को सुबह 8 से 10 बजे तक मां काली एवं ओंकारेश्वर महादेव के अभिषेक, पूजन तथा सुबह 10 बजे से वेदांत सम्मेलन के साथ होगा।
सम्मेलन में भाग लेने हेतु हरियाणा, अमरकंटक, गुजरात, महाराष्ट्र सहित अनेक शहरों एवं तीर्थ स्थलों के संत-विद्वानों का आगमन हो चुका है। मुख्य महोत्सव गुरुवार 19 मई को भगवान श्री पूर्ण ब्रह्मनारायण के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
महोत्सव में प्रतिदिन सुबह 10 से 12 बजे तक वेदांत सम्मेलन और अपरान्ह 4.30 से सायं 7 बजे तक देश के जाने-माने संत विद्वानों के प्रवचनों की अमृत वर्षा होगी। इस दौरान तीन दिवसीय शिवशक्ति महायज्ञ भी होगा।
श्रीश्री माता आनंदमयी पीठ इन्दौर के अध्यक्ष स्वामी केदारनाथ महाराज, न्यासी मंडल के मुकेश कचोलिया, डॉ. विजय निचानी एवं जे.पी. फड़िया ने बताया कि महोत्सव में शामिल होने के लिए हरियाणा के आदर्श महामंडलेश्वर स्वामी विरागानंद महाराज, अमरकंटक के नव्य व्याकरणाचार्य स्वामी योगेश्वरानंद एवं स्वामी मुक्तानंद, गुजरात के भीमपुरा के स्वामी जगदीश्वरानंद, उज्जैन के स्वामी वितरागानंद, स्वामी परमानंद एवं स्वामी दिव्यानंद, महाराष्ट्र के स्वामी हंसानंद सहित अनेक प्रमुख संत आज विभिन्न साधनों से इन्दौर पधार गए हैं, वहीं ओंकारेश्वर, अमरकंटक एवं अन्य तीर्थ स्थलों के संत-विद्वानों के जत्थे सोमवार को सुबह तक पहुंच जाएंगे।
इन्दौर के अखंडधाम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतनस्वरूप, महामडंलेश्वर स्वामी रामगोपाल महाराज, एम्स इन्दौर के स्वामी ऐश्वर्यानंद सरस्वती भी महोत्सव में नियमित सानिध्य प्रदान करेंगे।
:: भगवान किसे कहते हैं, वेदांत सम्मेलन में होगा मंथन ::
वेदांत सम्मेलन में अनेक ज्वलंत विषयों पर संत, विद्वानों के प्रवचन होंगे। भगवान किसे कहते हैं, उनका स्वरूप क्या है, आत्म साक्षात्कार किसे कहते हैं, उसका स्वरूप क्या है, वेदांत से क्या तात्पर्य है, मानव जीवन का वास्तविक लक्ष्य क्या और क्यों है, जीव क्या है, बंधन क्या है, शास्त्रों द्वारा मुक्ति को जीवन का लक्ष्य क्यों निर्धारित किया गया है, मुक्ति किसे कहते हैं, मुक्ति के साधन क्या हैं और सृष्टि कैसे हुई, क्यों हुई आदि तमाम विषयों पर 16 से 19 मई तक सुबह-शाम, दोनों समय संतों के प्रवचन होंगे। इस दौरान तीन दिवसीय शिव-शक्ति महायज्ञ भी प्रतिदिन सुबह 8 से 10 बजे तक आश्रम परिसर स्थित यज्ञशाला में होगा।
नियमित कार्यक्रम
महोत्सव में प्रतिदिन प्रातः 5.30 से 6 बजे तक महामंत्र संकीर्तन एवं मंगला आरती, 6.15 से 6.45 बजे तक ध्यान, प्रातः 8 से 10 बजे तक 16 मई को मां काली एवं ओंकारेश्वर महादेव, 17 मई को गोपालजी भगवान शालीग्राम तथा 18 मई को मां वैष्णोदेवी, हनुमानजी एवं भैरवजी के अभिषेक पूजन तथा आरती के आयोजन होंगे।
प्रतिदिन सुबह 8 से 10 बजे तक महिला भक्त मंडली द्वारा अष्टोत्तर शतनाम पाठ एवं मां चालीसा, सुबह 10 से 12 बजे तक मातृवाणी पाठ एवं संतों के प्रवचन, सत्संग, अपरान्ह 4.30 से 7 बजे तक संत महापुरुषों के प्रवचन एवं सत्संग तथा रात 7.30 से 9 बजे तक मातृ मंदिर में आरती और 8.45 से 9 बजे तक मौन जैसे अनुष्ठान होंगे।
विभिन्न समितियों का गठन
पीठ के प्रमुख स्वामी केदारनाथ महाराज ने आज न्यासी मंडल की बैठक में विभिन्न समितियों के गठन का निर्णय लेते हुए सफाई, स्वच्छता समिति, हार-फूल सेवा समिति, मां चालीसा पाठ एवं भजन संकीर्तन समिति, संत सेवा समिति, भंडार सेवा समिति एवं तात्कालिक सेवा समिति के दायित्व निर्धारित कर दिए हैं।
सफाई-स्वच्छता समिति में आठ सदस्य प्रतिदिन तीन बार परिसर की स्वच्छता का ध्यान रखेंगे। हार-फूल सेवा समिति के प्रमुख मनोज भाया, सपना पंजवानी, कंचन चावला, मुक्तेश्वरी बंसल, निर्मलासिंह, रितिका जैन एवं भरत तिवारी, मां चालीसा पाठ एवं भजन संकीर्तन समिति में दीपा पंजाबी, राधिका चौहान, मीना मालिनी, मधु अरोरा, पूनम पंजवानी, कोमल तरलेजा एवं मीरा परिहार, संत सेवा समिति में अनिरुद्ध चौहान, जे.पी.फड़िया, रमेश भाया, समिर वाधवानी, शुभा बवेजा, मुक्तेश्वरी बंसल, मधु अरोरा, कोमल तरलेजा, राधिका चौहान, कृष्णानंद स्वामी राघवानंद एवं अनिता मित्तल, भंडार सेवा समिति में मनोज बिंदल, मनोज भाया, समीर एवं सुनील नीलेश मित्तल, पूजा मित्तल, रवीन्द्र अग्रवाल, निधि मित्तल, रेखा मित्तल तथा तात्कालीक सेवा समिति में रामनारायण शर्मा, गौतम गोयल, सुरेश तलरेजा, घनश्याम मालानी, श्याम आहुजा, प्रमोद रावत, जे.पी.फड़िया, गोविंद बवेजा, हरिश, अभय मालानी, राजू कुकरेजा एवं नरेन्द्र माखीजा शामिल किए गए हैं।
महोत्सव की लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मंच का संचालन डॉ. सुरेश चतुर्वेदी एवं मुकेश कचोलिया करेंगे।
न्यासी मंडल की बैठक में सुरेन्द्रसिंह नीमखेड़ा, डॉ. विजय निचानी, राघवेन्द्रसिंह, स्वामी जगदीश्वरानंद महाराज, स्वामी रामगोपाल महाराज, स्वामी परिपूर्णानंद एवं दीपक द्रविड़ भी उपस्थित थे।