वैक्सीनेशन टारगेट को लेकर प्रशासन ने झोंकी ताकत, 100 मोबाइल वेन भी टीकाकरण में जुटीं

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sadbhawnapaati
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जिले में दूसरे डोज का भी शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन कराने को लेकर जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम सहित संबंधित विभागों, सामाजिक संगठनों, औद्योगिक व व्यवसायिक संगठनों ने पूरी ताकत झोंक दी है। 10 नवम्बर से शुरू हुए अभियान के तहत 72 फीसदी वैक्सीनेशन हो चुका है। अब बाकी 28 फीसदी वैक्सीनेशन के लिए 12 दिन बाकी हैं। पिछली बार पहले डोज का टारगेट पूरा करने के दौरान आखिरी 10 फीसदी में काफी मेहनत की गई थी। अब इसी तरह की स्थिति फिर बन रही है। इसके मद्देनजर टारगेट पूरा करने के लिए अब 100 मोबाइल वेन इसमें जुटी हैं।
दरअसल, पांच दिन से हर दिन 45 हजार के आसपास वैक्सीनेशन होने के चलते अब मोबाइल वेन पर जोर दिया गया है। इसके पूर्व पहले चार दिन तक रोज 70 हजार से ज्यादा वैक्सीन लगी थी। अब नगर निगम के हर जोन में चार मोबाइल वेन इसके लिए जुटी हैं जो विभिन्न कॉलोनियों और मोहल्लों मे जा रही है और स्टाफ द्वारा वहीं वैक्सीन लगाई जा रही है। इसी कड़ी में वे बुजुर्ग या बीमार लोग जो ठीक से चल फिर नहीं सकते या दूर रहते हैं, उनके घरों पर जाकर वैक्सीन लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है। बीते दो-तीन दिनों में ऐसे कई लोगों को वैक्सीन लगाई गई। दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों खासकर देपालपुर, बेटमा व हातोद में मोबाइल वेनों के माध्यम से कई लोगों को वैक्सीन लगाई गई। यहां दूरस्थ गांवों में रहने वाले लोगों तक मोबाइल वेन पहुंची। इनमें अधिकांश महिला मिली जिन्होंने दूसरे डोज की वैक्सीन नहीं लगाई थी।
ऐसे किए जा रहे प्रयास
इंदौर तिलहन अनाज संघ ने मंडियों में आने वाले किसानों व व्यापारियों के लिए दूसरे डोज का वैक्सीनेशन अनिवार्य कर दिया है। एआईसीटीएसएल ने हाल ही में दूसरे डोज वैक्सीन होने पर ही टिकिट देने की व्यवस्था शुरू की है। अब यहां अधिकांश वे ही यात्री आ रहे हैं जिनके दोनों डोज पूरे हो चुके हैं। एसोसिएशन ऑफ इण्डस्ट्रीज मप्र ने दोनों डोज होने पर ही कर्मचारियों को काम पर रखने का सिस्टम बनाया है। इसके चलते कर्मचारियों में गंभीरताल भाई है और उन्होंने दूसरा डोज की वैक्सीन लगाई, ऐसे ही कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर लेबर इन्पेक्टर्स द्वारा फैक्टरियों व संस्थानों में इसकी मॉनिटरिंग शुरू की है। इंदौर दूध विक्रेता संघ द्वारा दोनों डोज नहीं होने पर ऐसे ग्राहकों को 1 दिसम्बर से दूध से वंचित करने की चेतावनी दी है। इसके चलते भी काफी गति मिली है। राशन की दुकानों पर भी अब वे ही पहुंच रहे हैं जिन्होंने दोनों डोज की वैक्सीन लगा ली है। आंगनवाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं को भी इसमें लगाया गया है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।