कटी फसल की सुरक्षा हेतु किसानों को सलाह

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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इंदौर। रबी फसलों में प्रमुखता से चना, मसूर, गेहूं इत्यादि की कटाई, थ्रेसिंग कार्य चल रहे हैं। किसानों से कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों की ओर से परामर्श एवं अनुरोध किया गया है कि इस समय फसल सुरक्षा के लिए विशेष सावधानियां रखें।
कटी हुई फसलों को बिजली के तारों के नीचे, ट्रांसफार्मर के पास, सड़क के किनारे ढेर न लगाये।
जिससे दुर्घटना एवं आगजनी न हो सके। साथ ही फसल की थ्रेसिंग करते समय स्वयं की, श्रमिकों की एवं जन सामान्य को भी असुविधा न हो, इसलिए एकदम सड़क किनारे के खेतों में थ्रेसिंग न करें।
जिससे रोडों पर डस्ट/बारीक भूसा जमा होकर वाहन दुर्घटना भी न हो तथा थ्रेसिंग कार्य में संलग्न व्यक्तियों को समय-समय पर आराम कराते हुए चौकन्ने होकर ही सावधानीपूर्ण थ्रेसिंग करें।
 बीजोत्पादन के लिए थ्रेसर की गति 400-500 आर.पी.एम. प्रति घंटा रखें। थ्रेसर चालक हमेशा वहां मौजूद रहे जिससे थ्रेसर के चालन स्थिति में कोई दुर्घटना न हो सके। थ्रेसर पर कार्य करने वाले व्यक्ति ढीले कपड़े, गले में तोलिया/अगेछा न डाले तथा धूम्रपान कतई न करें।
बतौर सुरक्षा एवं सतर्कता के लिए नजदीक में ही पानी का टैंक तथा रेत रखें, जिससे कोई घटना न हो सके।
किसानबंधु जब तक फसल सुरक्षात्मक तरीके से भण्डारण नहीं कर लेते तब तक कतई लापरवाही न करें और सुरक्षात्मक तरीके से रबी फसलों की कटाई उपरांत संसाधान क्रिया करायें।
नजदीकी विद्युत विभाग एवं आपदा प्रबंधन के कार्यालय तथा उनके अधिकारियों का संपर्क नम्बर जरूर रखें।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।