एसआईटी निरीक्षक देवेंद्र मरकाम और एसआई गुलाब सिंह रावत पीड़ितों द्वारा बताए कंपनियों के पतों पर पहुंचे तो पता चला कुछ कंपनियां दफ्तर खाली कर गायब हो चुकी है और कुछ ने पते फर्जी बताए थे। एसपी के मुताबिक टीम अब पीड़ितों के बयान दर्ज कर आरोपितों एवं कंपनियों के खातों की जांच कर रही है। खाते किसके नाम पर है और उनमें जमा रुपया कहां-कहां ट्रांसफर हुआ इसकी भी जांच कर कड़ियां जोड़ी जा रही है। प्रारंभिक जांच में करीब 50 कंपनियों द्वारा 20 करोड़ से ज्यादा ठगने की जानकारी सामने आ चुकी है।
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ये कंपनियों है निशाने पर :स्टार वल्र्ड रिसर्च,इन्वेस्टमेंट रिसर्च,डिजायर रिसर्च,कैपिटल वेज,इमोटल रिसर्च,ड्रीप्ट सर्विस,अश्वनी कंसलटेंट,साईं प्रोफिसेंस,केयर इन्वेस्टमेंट,डॉलर एडवाइजरी,एचबीएन,एल्बो सिस्टम,मार्केट मैग्नीफाई,ग्रीन लीफ,मार्केट कैप्टन,रिप्पल,फ्रीडम ग्लोबल,प्रोफिट रिडू सहित करीब 50 कंपनियों की जांच चल रही है।
ज्ञात हो की सबसे ज्यादा एडवाइजरी फर्म विजयनगर क्षेत्र से संचालित हो रही है। दूसरा नंबर खजराना,कनाड़िया और लसूड़िया का आता है। हैदराबाद,गुजरात और महाराष्ट्र पुलिस भी इन क्षेत्रों से बसें भरकर आरोपितों को ले जा चुकी है।
एसपी(पूर्वी) आशुतोष बागरी के मुताबिक हमारे पास लगभग 100 शिकायतें पहुंच चुकी है। क्राइम ब्रांच और 18 थानों से लंबित आवेदनों का ब्यौरा एकत्र कर लिया है। एसआईटी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड(सेबी) से जानकारी मांगी तो ज्यादातर फर्जी निकली।
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