दुष्कर्म का अलग ही प्रकार का मामला इंदौर में सामने आया है। यहां 39 वर्षीय युवती ने महिला थाने में 17 साल पहले उसके साथ हुए दुष्कर्म का केस दर्ज कराया है। उसने सुनील निवासी रतलाम के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है।
नीमच की रहने वाली युवती का आरोप है की, आरोपी ने 2004 में नौकरी का झांसा देकर रतलाम से उसे इंदौर बुलाया था। यहां एक दफ्तर में उसके साथ रेप किया और भाग गया। वारदात के बाद पीड़िता सदमे में चली गई थी। धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर आ ही रही थी कि अचानक एक दिन सोशल मीडिया पर आरोपी की फोटो देखी। वह उसे पहचान गई। इसके बाद अब इंदौर आकर शिकायत की। युवती की बात सुनकर पुलिस अफसर भी हैरत में आ गए।
‘थाने में युवती ने टीआई ज्योति शर्मा को बताया कि ‘ पीड़िता मूलत: नीमच की रहने वाली है। 2004 में जब उसकी उम्र 22 साल थी, तब रतलाम जिले में रहा करती थी। एक दिन लैंड लाइन फ़ोन की घंटी बजी। फोन उठाने पर रांग नंबर होता है। कॉलर बताता है कि वह लोगों को नौकरी दिलाने का काम करता है। कई बार कॉल के बाद वह कहता है कि वह अभी इंदौर में है। यहां एक दफ्तर में काम है। अच्छा पैसा भी मिलेगा। चूंकि उसे नौकरी की जरूरत थी। पढ़ाई भी करना चाहती थी। इस कारण झांसे में आ गई। उसे आरोपी ने सपना संगीता रोड स्थित एक दफ्तर में बुलाया। वह रात 8 बजे वहां पहुंच गई। यहां आरोपी के अलावा कोई नहीं था। आरोपी ने जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म किया और फिर भाग गया। बाहर आकर एक युवक से मदद मांगी। भाई से संपर्क किया फिर डरी-सहमी घर चली गई।’
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युवती ने कई बार गुहार लगाई,पर कोई कार्यवाई नहीं हुई । आखिरकार जब केस दर्ज नहीं हुआ, तो वह निराश होकर सदमे में चली गई। कई वर्षों बाद सामान्य हुई।
सोशल मीडिया पर पहचाना आरोपी
अब वह नीमच में परिवार के साथ रहती है। उसने अपना सोशल मीडिया अकाउंट बनाया। अब 17 साल बाद यानी कुछ दिन पहले ही उसे सोशल मीडिया पर आरोपी का फोटो दिखा। आरोपी को देखकर वह उसे पहचान गई। उसकी पहचान सुनील के रूप में हुई। आखिरकार उसने इंदौर पुलिस के अफसरों से संपर्क किया और केस दर्ज करवाया।
मेडिकल करवाया, अब पकड़ेंगे आरोपी को
अफसरों का कहना है, प्रक्रिया के तहत युवती का मेडिकल करवाया गया है। अब सोशल मीडिया अकाउंट के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा। अफसर भी हैरान हैं कि नीमच-रतलाम पुलिस ने अब तक इसमें केस दर्ज नहीं किया। वे चाहते, तो तभी अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर मामला इंदौर भेज सकते थे। यहां की पुलिस आरोपी को पकड़ने के प्रयास करती।
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