संविदा चिकित्साकर्मियों की हड़ताल से चरमरायी व्यवस्था

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sadbhawnapaati
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कोरोना मरीज कम होने पर सरकार उन्हें हटा देती है और जब मरीज बढ़ते हैं, तो नौकरी पर बुला लेते हैं। यह कहना है संघ का इसलिए प्रदेश स्तर पर मंगलवार से प्रदर्शन कर रहे है कोरोना मरीजों की देखरेख में लगे इंदौर के 600 से ज्यादा चिकित्साकर्मियों ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की। इससे एमटीएच अस्पताल, एसजीएसआइटीएस कंट्रोल रूम और मां अहिल्या कोविड केयर सेंटर में संक्रमितों की देखरेख और अन्य जरूरी काम प्रभावित रहे। मंगलवार को प्रदेशस्तरीय बेमियादी हड़ताल का पहला दिन था। कोविड-19 आयुष चिकित्सकीय संघ के बैनर तले हुई हड़ताल से पहले संगठन पदाधिकारियों ने मांगों को लेकर ज्ञापन दिया काली पट्टी बांधकर काम किया था। सदस्यों का कहना है जब उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया, तब मजबूरन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया। संघ की मांग है कि उनका संविदा कर्मियों में संविलियन किया जाए। अनुबंधित कर्मी डेढ़ साल से काम रहे हैं।

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कोरोना मरीज कम होने पर सरकार उन्हें हटा देती है और जब मरीज बढ़ते हैं, तो नौकरी पर बुला लेते हैं। इससे उनके जीवन में स्थायित्व और सुरक्षा नहीं आ रही है। संघ का कहना है अनुबंधित कर्मियों को संविदा कर्मियों की तरह वेतन दें, क्योंकि वे शिक्षा-अनुभव हर तरह से उनके समकक्ष हैं। दूसरे प्रदेशों में अनुबंधित कर्मियों को मध्यप्रदेश से ज्यादा वेतन मिल रहा है। संघ के डाक्टर दिनेश सध्वानी, जिला प्रभारी डाक्टर नीरज यादव और डाक्टर शिवप्रताप यादव ने बताया कि हड़ताल के कारण एमटीएच अस्पताल, कोविड कंट्रोल रूम और मां अहिल्या केयर सेंटर में काम नहीं हुआ। केयर सेंटर में तो केवल चार एमबीबीएस डाक्टरों ने ही मरीजों को संभाला।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।