गुरुग्राम। साइबर धोखाधड़ी के एक जटिल मामले में फंसे मध्य प्रदेश के भिंड, गोर्मी गांव निवासी आशीष सिंह भदौरिया को गुरुग्राम कोर्ट ने जमानत दे दी है। इस कानूनी जीत के नायक रहे अधिवक्ता अर्जुन सिंह भदौरिया, जिन्होंने अपनी बेजोड़ वकालत और तथ्यपरक दलीलों से कोर्ट को यह साबित किया कि आशीष निर्दोष हैं और उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया।
मई 2025 में दर्ज FIR (संख्या 170/2025) में आशीष पर ₹25,90,000 की साइबर धोखाधड़ी का आरोप लगा था। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अर्जुन सिंह भदौरिया ने अपनी कानूनी सूझबूझ का शानदार प्रदर्शन करते हुए कोर्ट को बताया कि आशीष का नाम FIR में नहीं है और उनका इस लेन-देन से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि खाता धारक विनय सिंह राणा ने अपनी जवाबदेही से बचने के लिए आशीष को बलि का बकरा बनाया।
अर्जुन सिंह भदौरिया की प्रभावशाली तर्कशक्ति और साक्ष्यों की मजबूत प्रस्तुति ने कोर्ट का विश्वास जीता, जिसके फलस्वरूप आशीष सिंह को जमानत मिली। यह फैसला अधिवक्ता अर्जुन सिंह की प्रखर वकालत का एक और उदाहरण है, जिसने एक निर्दोष व्यक्ति को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई।