अधिवक्ता अर्जुन सिंह भदौरिया की शानदार वकालत से आशीष सिंह को 26 लाख के साइबर क्राइम मामले में गुरुग्राम कोर्ट से मिली राहत

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गुरुग्राम। साइबर धोखाधड़ी के एक जटिल मामले में फंसे मध्य प्रदेश के भिंड, गोर्मी गांव निवासी आशीष सिंह भदौरिया को गुरुग्राम कोर्ट ने जमानत दे दी है। इस कानूनी जीत के नायक रहे अधिवक्ता अर्जुन सिंह भदौरिया, जिन्होंने अपनी बेजोड़ वकालत और तथ्यपरक दलीलों से कोर्ट को यह साबित किया कि आशीष निर्दोष हैं और उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया।

मई 2025 में दर्ज FIR (संख्या 170/2025) में आशीष पर ₹25,90,000 की साइबर धोखाधड़ी का आरोप लगा था। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अर्जुन सिंह भदौरिया ने अपनी कानूनी सूझबूझ का शानदार प्रदर्शन करते हुए कोर्ट को बताया कि आशीष का नाम FIR में नहीं है और उनका इस लेन-देन से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि खाता धारक विनय सिंह राणा ने अपनी जवाबदेही से बचने के लिए आशीष को बलि का बकरा बनाया।

अर्जुन सिंह भदौरिया की प्रभावशाली तर्कशक्ति और साक्ष्यों की मजबूत प्रस्तुति ने कोर्ट का विश्वास जीता, जिसके फलस्वरूप आशीष सिंह को जमानत मिली। यह फैसला अधिवक्ता अर्जुन सिंह की प्रखर वकालत का एक और उदाहरण है, जिसने एक निर्दोष व्यक्ति को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।