वैद्य आपके द्वार” योजना के तहत आयुष क्योर एप हो रहा लोकप्रिय, घर बैठे ही आयुष डॉक्टरों से लिया जा सकता है परामर्श 

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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इन्दौर। आयुष विभाग के टेलीमेडिसिन एप ‘‘आयुष क्योर” को दिन-प्रतिदिन लोकप्रिय हो रहा है। इस एप को प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर रजत पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
‘‘वैद्य आपके द्वार” योजना में विकसित आयुष क्योर एप को प्रतियोगिता के विभिन्न चरणों में विषय-विशेषज्ञों तथा प्रबंधन विशेषज्ञों द्वारा सराहा गया। इसे जन-सामान्य में अधिक से अधिक प्रचारित करने का सुझाव भी दिया गया है।
जिला आयुष अधिकारी हिम्मत सिंह डाबर ने बताया कि आयुष विभाग का यह एप गूगल प्ले-स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
इसके माध्यम से नागरिक घर बैठे ही आयुष डॉक्टरों से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। एप के द्वारा ही रिपोर्ट भेजने तथा उपचार संबंधी दिशा-निर्देश प्राप्त करने की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है।
मध्यप्रदेश में अब तक 37 हजार से ज्यादा यूजर द्वारा आयुष क्योर एप डाउनलोड किया जा चुका है। एप पर बुकिंग करने वालों में से 88 प्रतिशत लोगों ने चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त किया है।
आयुष विभाग द्वारा शुरू की गई ‘‘वैद्य आपके द्वार‘‘ योजना के जरिये घर बैठे आयुष चिकित्सा विशेषज्ञ से लाइव वीडियो कॉल द्वारा निःशुल्क चिकित्सा परामर्श लिया जा रहा है।
नागरिकों से आग्रह किया है कि आयुष चिकित्सा सुविधा का लाभ लेने के लिए इस ऐप को अधिक से अधिक डाउनलोड किया जाये।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।