बाबा रामदेव ने लॉन्च की कोरोना की आयुर्वेदिक दवा, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन रहे मौजूद

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योग गुरु बाबा रामदेव ( Baba Ramdev) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से निपटने के लिए  एक नई दवा लॉन्च की है. शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान रामदेव ने यह ऐलान किया. उनके इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Harshvardhan) और केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) भी मौजूद थे. बाबा रामदेव ने जानकारी दी कि पतंजलि के कोरोनिल (Patanjali Coronil) टैबलेट से अब कोविड का इलाज होगा. उन्होंने दावा किया कि आयुष मंत्रालय ने करोनिल टैबलेट को सहायक दवाई के तौर पर स्वीकार किया. प्रेस वार्ता के दौरान पतंजिल ने कोरोनिल से जुड़े रिसर्च बुक भी जारी की.

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बता दें इससे पहले करोनील टैबलेट को सिर्फ इम्यूनिटी बूस्टर कहा गया था. पतंजलि का दावा है कि 70 फीसदी मरीज तीन दिन में दवा के इस्तेमाल से ठीक हो गए. रामदेव ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है. एविडेंस मेडिसिन के तौर पर एविडेंस बेस्ड रिसर्च है. रामदेव ने कहा कि यह दवा WHO-GMP सर्टिफाइड है.

भारत पूरी दुनिया में लीड करेगा- रामदेव
योग गुरु ने कहा कि चिकित्सा की दुनिया में भारत पूरी दुनिया में लीड करेगा. प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मुझे खुशी है कि आयुर्वेद में शोध करने के लिए बाबा जी ने अनुसंधान संस्था बनाई है. आयुर्वेद पर पहले भी भरोसा था. लेकिन अब रिसर्च किया गया है. लैब से प्रमाणिकता मिल गई है.

कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मॉर्डन और साइंटफिक तरीके से आयुर्वेद को स्थापित करने के यज्ञ में जितनी आहूति डाली जाएगी, उतना ही बेहतर होगा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में आयुष मंत्रालय ने 140 स्थानों पर स्टडी की. मैंने सबके रिजल्ट्स देखें. सभी परिणाम सकारात्मक नजर आए. लोगों को स्वस्थ्य रखने की दिशा में आयुर्वेद का जो योगदान है, उसे किसी सर्टिफिकेशन की जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की इकॉनमी बढ़ना इस बात का संकेत है कि भारत और दुनिया के अन्य देशों ने इसे स्वीकार किया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत में आयुर्वेद की 30,000 करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार कोविड से पहले15-20% की वृद्धि होती थी. COVID के बाद, यह वृद्धि दर बढ़कर 50-90% हो गई है. यह एक संकेत है कि लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया है. निर्यात और एफडीआई में सुधार हुआ है.

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