बॉलीवुड जगत के लिए बुरी खबर : मशहूर गीतकार माया गोविंद का हार्ट अटैक से निधन

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

Bollywood News. बॉलीवुड की मशहूर गीतकार माया गोविंद अब हमारे बीच नहीं हैं. उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया है. दरअसल, वो काफी समय से बीमारी से लड़ रही थीं लेकिन बहुत ही अफसोस की बात है कि वो अब जिंदगी की ये जंग हार गई हैं. माया गोविंद का 80 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन से पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर है. हालांकि, उनका अंतिम संस्कार मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस में कर दिया गया है. लोग उनकी आत्मा की शांति की कामना कर रहे हैं.
80 साल की उम्र में माया गोविंद ने कहा दुनिया को अलविदा
मशहूर गीतकार माया गोविंद अब इस दुनिया में नहीं हैं. 80 साल की उम्र में माया गोविंद का निधन हो गया. दरअसल, उन्होंने अपने करियर में तकरीबन 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था. उनके लिखे गीत ने लोगों को जीने के एक नए मायने दिए. माया गोविंद फिल्म इंडस्ट्री की एकमात्र ऐसी गीतकार थीं जिन्होंने फिल्मों और टीवी सीरियल्स के गानों के अलावा कई किताबें भी लिखीं. उन्होंने अपने गीतों के जरिए लोगों के दिलों में एक जगह बना ली है. लेकिन अब क्यूंकि वो हमारे बीच नहीं हैं ऐसे में उनकी कमी हमें हमेशा ही खलती रहेगी.
माया गोविंद ने फिल्मों में अपनी शुरुआत फिल्म ‘आरोप’ से किया था. उन्हें इस फिल्म में ब्रेक निर्देशक आत्मा राम ने दिया था. और पहली ही फिल्म में माया ने ये साबित कर दिया था कि वो गीतों के मामले में बाकी लोगों से बिल्कुल अलग हैं. साल 1979 में आई फिल्म ‘सावन को आने दो’ फिल्म के ‘कजरे की बाती’ ने माया गोविंद को खूब लोकप्रियता दिलाई. इस गाने की वजह से लोग उन्हें जानने लगे थे. और उन्हें एक के बाद एक काम मिलने की शुरुआत हो गई थी. इस फिल्म के बाद उन्होंने ‘आंखों में बसे हो तुम’, ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’, ‘तेरे मेरी प्रेम कहानी’ और ‘रानी चेहरे वाले’ जैसे कई बेहतरीन गाने लिखे जो कि उस समय के सुपर-डुपर हिट गानों में शुमार थे. लोगों ने इन गानों को खूब पसंद किया.
‘महाभारत’ जैसे आइकॉनिक शो के लिए भी लिखे गीत
बता दें कि, माया गोविंद ने न केवल फिल्मों के लिए बल्कि टीवी के लिए भी काफी काम किया. उन्होंने ‘महाभारत’ जैसे यादगार सीरियल के लिए गीत, दोहे और छंद लिखे. इसके अलावा उन्होंने ‘विष्णु पुराण’, ‘किस्मत’, ‘द्रौपदी’ और ‘आप बीती’ जैसे सीरियल्स के लिए लिखा और लोगों को अपना दीवाना बना लिया. आज वो इस दुनिया में भले ही न हों लेकिन उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है और लोग उनके लिखे गीतों को कभी भूल नहीं पाएंगे. उनका जाना एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के लिए बहुत ही बड़ी क्षति है, जिसकी भरपाई करना शायद संभव नहीं है.
Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।