बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व: फिर मिला बाघिन का शव, मध्य प्रदेश में इस साल अब तक 18 बाघों की मौत

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sadbhawnapaati
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मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघिन का शव बरामद हुआ है। मध्य प्रदेश के जंगलों में हो रही बाघों की मौत अब चिंता का कारण बनती जा रही है। इस साल अब तक अलग-अलग कारणों से 18 बाघ मारे जा चुके हैं।

वन विभाग के मुताबिक जिस बाघिन का शव बरामद हुआ है, वह पांच साल की थी। शव धमखोर रेंज में गुरुवार को मिला था। जमीनी अमले ने जब बाघिन का शव देखा तो उन्होंने उच्च अधिकारियों को सूचना दी।

नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) के निर्देशों का पालन करते हुए बाघिन का पोस्टमॉर्टम करवाया गया और अंतिम संस्कार कर दिया गया।
प्रमुख वन संरक्षक वन (वन्यप्राणी) डॉ. जेएस चौहान ने कहा कि बांधवगढ़ में बाघिन की मौत के बाद अब तक इस साल 18 बाघों की मौत मध्य प्रदेश में हो चुकी है। 8 जनवरी से 24 अप्रैल तक राज्य के अलग-अलग जंगलों में 17 बाघों की मौत हुई ती।

जंगलों में खाने की कमी है मौतों का कारण

आरटीआई एक्टिविस्ट और बाघों के लिए काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अजय दुबे का कहना है कि मध्य प्रदेश में बाघों के संरक्षण में कई दिक्कतें हैं।  फॉरेस्ट रिजर्व में खाने की कमी और अनियोजित विकास की वजह से फॉरेस्ट कवर कम हो रहा है।
इसकी वजह से बाघों का मूवमेंट बाधित हो रहा है, जिससे उनकी असामयिक मौतें हो रही हैं। जंगलों के पास के खेतों में जानवरों से बचाव के लिए जाल बिछाए जाते हैं, जिसमें फंसकर भी बाघ दम तोड़ रहे हैं।

मध्य प्रदेश है टाइगर स्टेट

ऑल-इंडिया टाइगर एस्टिमेशन रिपोर्ट 2018 के मुताबिक मध्य प्रदेश में 526 बाघ रहते हैं। देश में सबसे अधिक बाघ होने की वजह से मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट भी कहा जाता है।
मध्य प्रदेश में पांच टाइगर रिजर्व हैं- बांधवगढ़, कान्हा, पेंच, सतपुड़ा और पन्ना टाइगर रिजर्व। यह किसी भी अन्य प्रदेश के मुकाबले सबसे अधिक है।
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