AAP के बाद अब दिखी BJP की भगवा टोपी,जाने क्यों पहनी 

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भोपाल. फैशन के गलियारों में अब बीजेपी की भगवा टोपी ट्रेंड करने वाली है. आज पार्टी के स्थापना दिवस पर ऊपर से लेकर नीचे तक नेता और कार्यकर्ता भगवा टोपी लगाए दिखे. इशारा तो ये कह रहा है कि आगामी चुनाव को देखते हुए बीजेपी टोपी को भी अपना सिंबल बनाने जा रही है.

बीजेपी के स्थापना दिवस के मौके पर यूं तो बीजेपी मुख्यालय से लेकर जिला दफ्तर तक हर जगह कार्यक्रम हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से लेकर प्रमुख स्थानों पर शोभा यात्राएं तक निकाली गयीं. लेकिन इन सब में एक बात सबसे खास रही और वो थी कि बीजेपी के छोटे से कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री तक सबके सिर पर सजी भगवा टोपी. सभी लोग ये टोपी पहने नजर आए. स्थापना दिवस के मौके पर टोपी पहनने के लिए बीजेपी के सभी कार्यकर्ताओं को पहले से ही ताकीद कर दी गई थी. यही वजह है स्थापना दिवस के कार्यक्रम से ठीक एक दिन पहले पूरे प्रदेश के बीजेपी मुख्यालय पर टोपियां पहुंचा दी गईं. इन टोपियों पर बीजेपी के साथ ही उसका चुनाव चिन्ह कमल भी छपा हुआ है.

भगवा टोपी के क्या मायने ?


आमतौर पर इससे पहले बीजेपी कार्यकर्ता चुनाव प्रचार के दौरान या चुनाव रैली में कभी कभार टोपियां पहने नजर आते थे. लेकिन संभवत ऐसा पहली बार हुआ है जब स्थापना दिवस के कार्यक्रम में सभी नेताओं ने एक साथ भगवा टोपी पहनी हो. माना जा रहा है कि बीजेपी आने वाले समय में टोपी को भी प्रतीक चिन्ह के तौर पर स्थापित करने जा रही है जिससे बीजेपी कार्यकर्ताओं की पहचान टोपी से हो. राजनीतिक तौर पर भी इसका फायदा लेने की कोशिश है.

क्यों टोपी याद आई ? 


हालांकि टोपी पहनने पर बीजेपी नेताओं का कहना यह है कि आमतौर पर बीजेपी के कार्यकर्ता इस तरह की टोपियां पहनते रहे हैं. लेकिन माना जा रहा है हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में जिस तरह से पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी और वहां आम आदमी के नेताओं की पहचान उनकी टोपी बन गई कुछ इसी तरह अब बीजेपी भी टोपी को अपनी पहचान बनाने की जुगत में है ताकि इसका राजनीतिक फायदा भी उसे मिल जाए.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।