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अनुपम खेर ने आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा पर बोला हमला
लाल सिंह चड्ढा के रिलीज होने से पहले से ही आमिर खान की सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है। वहीं इस समय ट्विटर पर ‘बायकाट दोबारा’ ट्रेंड कर रहा है । ये मोदी सरकार के घोर विरोधी अनुराग कश्यप और तापसी पन्नू की फिल्म है। इस फिल्म ने भी बेहद खराब ऑक्यूपेंसी की सूचना दी। इस बीच सीनियर एक्टर अनुपम खेर ने एक इंटरव्यू में आमिर की फिल्म के बायकॉट के बारे में बात की है, वहीं उनकी असहिष्णुता पर किए गए कमेंट को भी याद दिलाया है।

अनुपम खेर ने आमिर खान पर साधा निशाना
अनुपम खेर ने आमिर खान के साथ दिल, दिल है के मानता नहीं जैसी कई फिल्मों में काम किया है, उन्होंने लाल सिंह चड्ढा को बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ा झटका मिलने के बाद आमिर खान पर तंज कसा है।  अनुपम ने आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा पर बॉयकॉट कॉल के बारे में बात  करते साल 2015 में असहिष्णुता के बारे में उनकी विवादास्पद कॉमेंट का भी जिक्र किया। बॉयकॉट के ट्रेंड  के बारे में बात करते हुए, अनुपम ने कहा, “अगर किसी को लगता है कि उन्हें एक ट्रेंड शुरू करना चाहिए, तो वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। ट्विटर पर हर दिन नए ट्रेंड आ रहे हैं।”

आमिर की असहिष्णुता वाले कमेंट पर तंज कसते हुए,  अनुपम खेर  ने आगे कहा, “यदि आपने अतीत में कुछ कहा है, तो यह निश्चित रूप से आपको परेशान करेगा।”

असहिष्णुता पर आमिर ने किया था कमेंट
आमिर खान ने साल 2015 में नई दिल्ली में रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवार्ड में बात की थी। उन्होंने कहा था कि वह देश में होने वाली घटनाओं से “चिंतित” महसूस करते हैं और उनकी पत्नी किरण राव ने तो उन्हें यहां तक सुझाव दिया था कि उन्हें देश छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा था, ”जब मैं किरण से घर पर चैट करता हूं तो वह कहती हैं, ‘क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए?’ किरण के लिए यह एक  बड़ा बयान है। उसे अपने बच्चे के लिए डर है। उसे डर है कि हमारे आस-पास का माहौल क्या होगा। वह हर दिन अखबार खोलने से डरती है।  इस बयान से भारत में कोहराम मच गया था।

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अब शादी के बाद भी पूरा होगा मिस यूनिवर्स बनने का सपना!

पूरी दुनिया में की एक से एक खूबसूरत महिलाओं को एक मंच पर लेकर आने वाले कॉन्टेस्ट ‘मिस यूनिवर्स’ में हर कोई जाना चाहता है। यह सपना कभी न कभी हर लड़की देखती है कि उसकी  सुंदरता को एक पहचान मिले। लेकिन, कई बार परिस्थितियां ऐसी हो जाती हैं कि कड़ी मेहनत के बाद भी असफलता हासिल होती है, तो कभी बढ़ती उम्र की वजह से वह अपना नाम इसमें नही दे पाती हैं। हालांकि, अब एक ऐसी खबर आ रही है, जिसे सुनने के बाद उन महिलाओं के चेहरे खिल उठेंगे, जो इस ताज को अपने सिर पर सजता हुआ देखना चाहती थीं। मिस यूनिवर्स ब्यूटी कॉन्टेस्ट ने हाल ही में एक नया नियम जारी किया है, जिसके मुताबिक अब शादी के बाद भी महिलाएं इस कॉन्टेस्ट का हिस्सा बन सकती हैं।

मिस यूनिवर्स का ताज अपने सिर पर सजे देखने का सपना देखने वाली महिलाओं को अब अपनी उम्र के बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं होगी। क्योंकि न बढ़ती उम्र, न शादी और न ही बच्चे अब उन्हें कुछ भी इस कॉन्टेस्ट में भाग लेने से नहीं रोक पाएगा।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल होने वाले मिस यूनिवर्स पेजेंट कॉन्टेस्ट में पिछले 70 साल से चले आ रहे नियम को खत्म करने का ऐलान कर दिया गया है। नए नियमों के अनुसार अब शादी-शुदा महिलाएं भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकेंगी। यह नियम साल 2023 से लागू किया जाएगा।

अगले साल से प्रभाव में लाए जाने वाले इस नियम के अनुसार अब उम्र के कारण अब किसी भी महिला को इस पेजेंट में भाग लेने का अपना सपना नहीं छोड़ना पड़ेगा। हाल ही में लागू किए गए नियम से पहले तक इस  प्रतियोगिता में केवल 18 से लेकर 28 साल की उम्र तक की अविवाहित महिलाएं ही भाग ले सकती थीं।

इस बदलाव से बहुत लोगों के चेहरों पर खुशी आ गई है। इनमें साल 2020 में यह खिताब जीतने वाली मैक्सिको की एंड्रिया मेजा भी शामिल हैं। एंड्रिया ने इस नए नियम की तारीफ करते हुए बोला, ‘व्यक्तिगत तौर पर मुझे खुशी हो रही है। इन पदों पर पहले केवल पुरुषों का ही अधिकार था, लेकिन अब बदलाव का वक्त आ गया है

आपको बता दें कि अभी तक भारत मिस यूनिवर्स का खिताब तीन बार अपने नाम कर चुका है। भारत के लिए सबसे पहले यह खिताब बॉलीवुड अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने साल 1994 में जीता था। इसके बाद साल 2000 में लारा दत्ता और साल 2020 में  मिस यूनिवर्स का ताज हरनाज कौर संधू  के सिर सजा था।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।