जानकारी के मुताबिक वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे और ईश्वर कुमार प्रजापति के अनुसार ने बताया कि पीड़िता का पति नर्मदा नगर डेम खंडवा में अकाउंटेंट के पद पर पदस्थ था। यहां मछलियों के बीजों को लेकर हेराफेरी कर शासन को लाखों रुपये की राजस्व हानि करने और कई अधिकारियों को रुपए बांटने के सबूतों का लेजर पीड़िता के पति के हाथ लग गया था। इस मामले में कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने पीड़िता के पति को अपनी तरफ शामिल होने का ऑफर दिया था। भ्रष्टाचार के सबूत उन्हें देने के लिए दबाव बनाया था। इससे इनकार करने पर कंपनी के कर्ताधर्ता ने पीड़िता के पति के खिलाफ गबन का झूठा केस दर्ज करवाकर उसे जेल भेज दिया था। इसी दौरान कंपनी के कर्ताधर्ता को जब ये पता चला कि पीड़िता का पति जेल जाने से पहले भ्रष्टाचार के सबूत पीड़िता को सौंप गया है तो कंपनी के लोगों ने उक्त सबूत पीड़िता से जोर जबरदस्ती से हासिल करने की कोशिश की। इसमें सफल नहीं होने पर पीड़िता को खंडवा से इंदौर मधुमिलन चौराहे के पास स्थित होटल सिमरन में बुलाया और यहां हरपाल सिंग उर्फ मोनू भाटिया, अभिमन्यु तिवारी, इंद्रजीत सिंह, सुग्रीव विश्नोई ने गैंगरेप किया। जिसे लेकर थाना ग्वालटोली में भी गैंगरेप की धाराओ में केस दर्ज हुआ।
आरोपियों के विरुद्ध जिला कोर्ट इंदौर में केस भी चल रहा है। इस मामले में जांच अधिकारी द्वारा पीड़िता के पास मौजूद भ्रष्टाचार के लेजर जब्त नहीं करने, निष्पक्ष विवेचना नहीं करने,अन्य गंभीर धाराओं का इजाफा नहीं करने,सबूतों को मिटाने से परेशान होकर पीड़िता ने जिला कोर्ट इंदौर में अमन सिंह भूरिया एसीजेएम की कोर्ट में अपने वकील के माध्यम से अलग से एक याचिका पेश की, जिसमें कोर्ट ने आरोपियों के विरुद्ध मछलियों के बीजों की हेराफेरी कर लाखों रुपये की राजस्व हानि करने,घोटाला करने,सबूत मिटाने को लेकर अलग से एक एफआईआर धारा 420,467,471,120 बी,201 आईपीसी में दर्ज करने के आदेश थाना छोटी ग्वालटोली को दिए थे। आरोपियों ने उक्त आदेश को निरस्त करने ने के लिए इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका पेश की थी। आरोपियों ने इस मामले में तथ्यों से छेड़छाड़ करने के लिए सर्टिफाइड कॉपी लिए बिना ही फाइल को बाहर ले जाकर उसकी फोटो कॉपी कराने के बाद उसे गायब कर दिया था। इस मामले में पीड़िता को कोर्ट से नोटिस मिला, जिसमें पता चला कि इस तरह के कोई सबूत उन्हें नहीं मिले हैं।
इस तरह हुआ खुलासा