इंदौर जिला कोर्ट की सुरक्षा में सेंध : गैंगरेप की फाइल चोरी, तीन न्यायाधीशों की ऑर्डरशीट भी गायब, सेशन जज ने जांच की तो हुआ खुलासा

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इंदौर। अब न्यायालय भी सुरक्षित नहीं है। यहां भी चोरियां होने लगी है। इंदौर के जिला न्यायालय में ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां से गैंगरेप के प्रकरण की फाइल चोरी हो गई है। तीन न्यायाधीशों की ऑर्डर शीट भी चोरी होने की बात सामने आई है। सेशन जज ने जांच की तो मामले का खुलासा हुआ।

जानकारी के मुताबिक वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे और ईश्वर कुमार प्रजापति के अनुसार ने बताया कि पीड़िता का पति नर्मदा नगर डेम खंडवा में अकाउंटेंट के पद पर पदस्थ था। यहां मछलियों के बीजों को लेकर हेराफेरी कर शासन को लाखों रुपये की राजस्व हानि करने और कई अधिकारियों को रुपए बांटने के सबूतों का लेजर पीड़िता के पति के हाथ लग गया था। इस मामले में कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने पीड़िता के पति को अपनी तरफ शामिल होने का ऑफर दिया था। भ्रष्टाचार के सबूत उन्हें देने के लिए दबाव बनाया था। इससे इनकार करने पर कंपनी के कर्ताधर्ता ने पीड़िता के पति के खिलाफ  गबन का झूठा केस दर्ज करवाकर उसे जेल भेज दिया था। इसी दौरान कंपनी के कर्ताधर्ता को जब ये पता चला कि पीड़िता का पति जेल जाने से पहले भ्रष्टाचार के सबूत पीड़िता को सौंप गया है तो कंपनी के लोगों ने उक्त सबूत पीड़िता से जोर जबरदस्ती से हासिल करने की कोशिश की। इसमें सफल नहीं होने पर पीड़िता को खंडवा से इंदौर मधुमिलन चौराहे के पास स्थित होटल सिमरन में बुलाया और यहां हरपाल सिंग उर्फ मोनू भाटिया, अभिमन्यु तिवारी, इंद्रजीत सिंह, सुग्रीव विश्नोई ने गैंगरेप किया। जिसे लेकर थाना ग्वालटोली में भी गैंगरेप की धाराओ में केस दर्ज हुआ।

आरोपियों के विरुद्ध जिला कोर्ट इंदौर में केस भी चल रहा है। इस मामले में जांच अधिकारी द्वारा पीड़िता के पास मौजूद भ्रष्टाचार के लेजर जब्त नहीं करने, निष्पक्ष विवेचना नहीं करने,अन्य गंभीर धाराओं का इजाफा नहीं करने,सबूतों को मिटाने से परेशान होकर पीड़िता ने जिला कोर्ट इंदौर में अमन सिंह भूरिया एसीजेएम की कोर्ट में अपने वकील के माध्यम से अलग से एक याचिका पेश की, जिसमें कोर्ट ने आरोपियों के विरुद्ध मछलियों के बीजों की हेराफेरी कर लाखों रुपये की राजस्व हानि करने,घोटाला करने,सबूत मिटाने को लेकर अलग से एक एफआईआर धारा 420,467,471,120 बी,201 आईपीसी में दर्ज करने के आदेश थाना छोटी ग्वालटोली को दिए थे। आरोपियों ने उक्त आदेश को निरस्त करने ने के लिए इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका पेश की थी। आरोपियों ने इस मामले में तथ्यों से छेड़छाड़ करने के लिए सर्टिफाइड कॉपी लिए बिना ही फाइल को बाहर ले जाकर उसकी फोटो कॉपी कराने के बाद उसे गायब कर दिया था। इस मामले में पीड़िता को कोर्ट से नोटिस मिला, जिसमें पता चला कि इस तरह के कोई सबूत उन्हें नहीं मिले हैं।

इस तरह हुआ खुलासा

आरोपियों ने जिला कोर्ट इंदौर की गैंग रेप की संपूर्ण न्यायालयीन फाइल को धोखे से चुरा कर उसकी अप्रमाणित फोटो कॉपी बनाकर अर्जी खारिज करने को लेकर हाईकोर्ट में पेश की। इसकी जानकारी हाई कोर्ट से नोटिस के साथ लगे दस्तावेजों से पीड़िता को प्राप्त हुई तो पीड़िता ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस, सहित इंदौर हाई कोर्ट में शिकायत याचिका पेश कर आरोपियों की करतूत के बारे में बताया। जिसके बाद जिला न्यायाधीश ने जांच रिपोर्ट में यह पाया कि आरोपीगणों ने न्यायालय से दस्तावेज चुराए और धोखाधड़ी कर उक्त दस्तावेज उच्च न्यायालय के प्रकरण में लगाए हैं। इस मामले की रिपोर्ट बनाकर जिला न्यायाधीश को दी गई है जो आरोपियों पर केस दर्ज करने को लेकर संज्ञान लेंगे।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।