इंदौर के नजदीक महू कस्बे स्थित उप कारागार में बंद विचाराधीन कैदी को ‘विशेष सुविधाएं’ दिलवाने के बदले उसके एक दोस्त से 25000 रुपए की कथित घूस लेते हुए सफाई कर्मी को सोमवार को रंगे हाथों पकड़ा गया। लोकायुक्त पुलिस के उपाधीक्षक (डीएसपी) प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि महू स्थित उप जेल के बाहरी परिसर में जाल बिछाकर पकड़े गए शख्स की पहचान मनीष बाली के रूप में हुई है।
उन्होंने बताया कि बाली जेल का सफाई कर्मी है और उस पर आरोप है कि वह जेल प्रहरी अजेंद्र सिंह राठौर के इशारे पर जितेंद्र सोलंकी नामक शख्स से घूस के रूप में 25000 रुपए ले रहा था। बघेल ने बताया कि सोलंकी ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत कर कहा कि महू के उप जेल में बंद उसके दोस्त दिलीप चौकसे से इस कारागार का प्रहरी कथित तौर पर घूस मांग रहा है। चौकसे, किशनगंज थाना क्षेत्र में शराब तस्करी को लेकर पिछले साल जून में दर्ज मामले में गिरफ्तारी के बाद से इस जेल में बंद है।
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डीएसपी ने बताया, शिकायतकर्ता के मुताबिक यह घूस विचाराधीन कैदी को जेल में विशेष सुविधाएं मुहैया कराने और आइंदा परेशान नहीं किए जाने के बदले मांगी गई थी। इन तथाकथित सुविधाओं में अन्य कैदियों के मुकाबले बेहतर बैरक और उम्दा भोजन शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सफाई कर्मी और जेल प्रहरी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
बघेल ने बताया कि दोनों आरोपियों को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है। डीएसपी के मुताबिक बॉन्ड भराकर उन्हें इस बात के लिए कानूनन पाबंद किया गया है कि घूसखोरी के मामले की जांच के संबंध में उन्हें जब भी बुलाया जाएगा, वे लोकायुक्त पुलिस के सामने तय तारीख को हाजिर हो जाएंगे।
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