कोरोना भाप लेने से खत्म हो सकता है? जाने यहाँ

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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देश और मध्य प्रदेश में तेजी से फैल रहे कोरोना के बीच खबरें आ रही हैं कि भाप से कोरोना से बचा जा सकता है. इस दावे में कितनी सच्चाई है, इसकी हमने पतड़ाल की है. इस खबर में हम आपको बता रहे हैं कि कोरोना से बचने के लिए भाप कितनी कारगर है.

दरअसल, कई शोध ऐसे आए हैं, जिनमें भाप लेने के फायदों का जिक्र मिलता है. एक दावे के अनुसार भाप लेने से गले में जमा कफ दूर होता है. दी जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की एक स्टडी कहती है कि भाप लेने से हमारी नाक में जमा म्यूकस कम हो जाता है. म्यूकस से ही बलगम बनता है. इसलिए भाप लेने की सलाह डॉक्टर देते हैं. हालांकि इससे कोरोना वायरस पूरी तरह खत्म नहीं होता.

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भाप लेने से क्या होता है?

भाप लेने से हमारे शरीर को ऑक्सीजन मिलती है. भाप लेने से सांस लेने की नली खुल जाती है. लेकिन वायरस नहीं मरता. दरअसल, कोरोना वायरस लंग्स पर प्रहार करता है. इसलिए मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है.भाप लेने से आपको सांस लेने में हो रही समस्या से निजात जरूर मिलता है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।