विशेष रूप से अस्थमा के रोगियों के लिए यह फायदेमंद है । ब्रोंकाइटिस, निमोनिया आदि में भी यह फायदेमंद होती है। अधिक प्रदूषण के माहौल में एक्सपोजर से रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट की लाइनिंग में इंफ्लेमेशन हो सकता है । इलायची के सेवन से इंफ्लेमेशन कंट्रोल हो सकता है । यह एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट है । यह रेस्पिरेटरी सिस्टम की एजिंग को कंट्रोल करने के साथ पॉल्यूशन के कारण होने वाले फ्री रेडिकल डैमेज से भी लड़ सकती है। इलायची का सेवन कई तरीके से कर सकते हैं ।
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जैसे-चाय में एक या दो इलायची कूटकर डालें, करी पावडर में इलायची भी पीसकर मिलाएं, इलायची का एसेंशियल ऑयल स्टीम या वेपोराइजर से सूंघें, खीर, लड्डू, कलाकंद, रबड़ी, दूध में इलायची पीसकर डालें, कॉपी में इलायची पाउडर डालकर उबालें। इससे कॉफी का एसिडिक इफेक्ट भी कम होगा, टॉफी की तरह रोज आधी इलायची चूसें। लेकिन कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है। इसकी परख के लिए शुरू में कम मात्रा में इलायची का सेवन करके देखें। जिन लोगों को गाल ब्लैडर स्टोन की प्रॉब्लम हो उन्हें इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए या चिकित्सक की सलाह से लेना चाहिए। इसका इस्तेमाल अधिक न करें, रोजाना 1 या 2 इलायची का सेवन पर्याप्त है।
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