यूपीएससी परीक्षा में अतिरिक्त मौके का मामला : कोर्ट ने सरकार को दिया पुनर्विचार का मौका

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सुझावात्मक निर्देश देते हुए कहा कि वह संसदीय समिति की सिफारिश वाली रिपोर्ट पर विचार करते हुए ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका देने और उम्र सीमा में छूट देने के फैसले पर निर्णय करे। कोरोना महामारी से संक्रमित होने के कारण यूपीएससी सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा देने से चूके उम्मीदवारों की एक और मौका देने और उम्र सीमा में छूट देने की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। 

मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग की ओर से पिछले हफ्ते शीर्ष अदालत को बताया था कि यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त प्रयास संभव नहीं है। जवाबी हलफनामे में कहा गया कि अतिरिक्त प्रयास का मौका देना और उम्र सीमा संबंधी नियमों में बदलाव करना आसान प्रक्रिया नहीं है। अगर ऐसा किया भी जाता है तो भविष्य में गलत परंपरा भी शुरू हो सकती है।

वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने किया हस्तक्षेप

हालांकि, गुरुवार को मामले में दखल देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को संसदीय समिति की एक हालिया रिपोर्ट से अवगत कराया। संसदीय समिति की 24 मार्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर के दौरान छात्र वर्ग को हुई कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार को अपना विचार बदलने और सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) उम्मीदवारों की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की जरूरत है। समिति सभी उम्मीदवारों को संबंधित आयु में छूट के साथ एक अतिरिक्त प्रयास प्रदान करने की सिफारिश करती है।
Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।