गुरुओं का उत्सव: गुरु नानक जयंती

sadbhawnapaati
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गुरु नानक जी निहित नैतिकता, कड़ी मेहनत और सच्चाई का संदेश देते रहे, आज का दिन महान आस्था और सदभावना और प्रयास के साथ, पूरे विश्व में उत्साह के साथ मनाया जाता है। गुरु नानक जी का जीवन प्रेम, ज्ञान और वीरता से भरा था। वे कहते थे, “इतने भी सांसारिक मामलों में मत उलझ जाओ कि आप परमेश्वर के नाम को भूल जाओ।
गुरु नानक देव जी हमेशा कहते थे “मैं तुम्हारा हूँ, मैं तुम्हारा हूं, मैं तुम्हारा हूँ।”

गुरु ग्रंथ साहिब में एक सुंदर प्रार्थना है, जो कुछ इस तरह है, “एक ओन्कर (भगवान एक है), सतनाम (उसका नाम सत्य है), कर्ता-पुरख (वह निर्माता है), निर्भौ (वह बिना डर के), निर्वार् (वह किसी के समान नहीं है), अकाल- मूरत (वह कभी मरता नहीं), अजनुनी साईंहांग (वह जन्म और मृत्यु से परे है), गुरप्रसाद (वह सच्चे गुरु की दया से महसूस होता है), जप (उसका नाम दोहराएं), आदम सच (वह सच है), जुगाड सच (वह कभी भी सच है), है भी सच (वह अब सच्चाई है), नानक होस भी सच (वह भविष्य में सच हो जाएगा)।”

गुरु नानक देव के संदेश से प्रेरणा लीजिए
आज, गुरु नानक देव जी के जन्मदिन पर हमें अपने आपको याद दिलाना चाहिए की हमें माया में उलझना नहीं चाहिए। आइए हम खुश रहे , दूसरों को खुश रखें , प्रार्थना करें, सेवा करें और धर्म की रक्षा के लिए कार्य करें।

सदभावना पाती अखबार की ओर से आप सभी को गुरुनानक जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
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