गुरु ग्रंथ साहिब में एक सुंदर प्रार्थना है, जो कुछ इस तरह है, “एक ओन्कर (भगवान एक है), सतनाम (उसका नाम सत्य है), कर्ता-पुरख (वह निर्माता है), निर्भौ (वह बिना डर के), निर्वार् (वह किसी के समान नहीं है), अकाल- मूरत (वह कभी मरता नहीं), अजनुनी साईंहांग (वह जन्म और मृत्यु से परे है), गुरप्रसाद (वह सच्चे गुरु की दया से महसूस होता है), जप (उसका नाम दोहराएं), आदम सच (वह सच है), जुगाड सच (वह कभी भी सच है), है भी सच (वह अब सच्चाई है), नानक होस भी सच (वह भविष्य में सच हो जाएगा)।”
गुरु नानक देव के संदेश से प्रेरणा लीजिए
आज, गुरु नानक देव जी के जन्मदिन पर हमें अपने आपको याद दिलाना चाहिए की हमें माया में उलझना नहीं चाहिए। आइए हम खुश रहे , दूसरों को खुश रखें , प्रार्थना करें, सेवा करें और धर्म की रक्षा के लिए कार्य करें।