केंद्र ने कोरोना मरीजों में म्यूकोरमाइकोसिस इन्फेक्शन मैनेजमेंट के लिए एडवाइजरी जारी की

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sadbhawnapaati
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केंद्र ने रविवार को कहा कि अनियंत्रित मधुमेह और लंबे समय तक गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में रहने वाले कोविड-19 मरीजों में म्यूकोरमाइकोसिस कवक संक्रमण पाया जा रहा है और अगर ध्यान नहीं दिया जाए तो यह प्राण घातक हो सकता है। केंद्र ने इस संबंध में जारी परामर्श में कहा कि कवक संक्रमण खासतौर पर उन लोगों को संक्रमित करते हैं जिनका इलाज चल रहा होता है और उनमें पर्यावरण में मौजूद रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता घट जाती है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा बीमारी की निगरानी, जांच और इलाज के लिए तथ्य आधारित परामर्श जारी किया गया है। इसमें कहा गया, ‘‘ म्यूकोरमाइकोसिस का इलाज नहीं किया जाए तो यह प्राणघातक हो सकता है। हवा में मौजूद कवक के सांस के रास्ते शरीर के भीतर पहुंचने पर व्यक्ति का साइनस (विवर) और फेफड़ें प्रभावित हो जाते हैं।’’ .
परामर्श में कहा गया कि दर्द, आंखों और नाक के पास त्वचा का लाल होना, बुखार, सिर दर्द, खांसी, सांस लेने में समस्या, खून की उल्टी, मानसिक स्थिति में बदलाव जैसे इसके लक्षण हैं। केंद्र ने कहा कि मधुमेह और कमजोर प्रतिरक्षण वाले कोविड-19 मरीज में नासिका सूजन, चेहर के एक ओर दर्द, नाक की रेखा पर कालापान,दर्द के साथ धुंधला दिखाई देना, सीने में दर्द, त्वचा में बदलाव और सांस लेने में समस्या होने पर म्यूकोरमाइकोसिस का संदिग्ध मामला हो सकता है।

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आईसीएमआर-स्वास्थ्य मंत्रालय के परामर्श में कहा गया इस बीमारी का सबसे बड़ा खतरा, मधुमेह का अनियंत्रित होना, स्ट्रॉयड की वजह से प्रतिरक्षण क्षमता में कमी, लंबे समय तक आईसीयू में रहना, नुकसानदेह व वोरीकोनाजोल पद्धति से इलाज है। परामर्श में कहा गया कि इस बीमारी से बचने के लिए कोविड-19 मरीज को छुट्टी देने के बाद भी रक्त में ग्लूकोज की निगरानी की जानी चाहिए, स्ट्रॉयड का न्यायोचित एवं सही समय पर इस्तेमाल किया जाना चााहिए, ऑक्सीजन पद्धति के दौरान नमी के लिए साफ और संक्रमणमुक्त पानी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवा का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।