केंद्र सरकार ने कबाड़ बेचकर निकाल लिया चंद्रयान-3 मिशन का खर्चा

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sadbhawnapaati
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नई दिल्ली । सरकारी खजाने को भरने के लिए केंद्र सरकार ने अनोखी पहल की शुरूआत करते हुए करोड़ों रुपए का रेवेन्यू इकट्ठा किया। बता दें कि केंद्र सरकार ने अपने रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए सरकारी दफ्तरों की बेकार फाइलों, खराब हो चुके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और पुराने हो चुके वाहनों को बेचकर एक अच्छी खासी रकम इकट्ठी की। दरअसल, सरकार ने सरकारी दफ्तरों के कबाड़ को बेचकर 600 करोड़ रुपए की कमाई की है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि यह आंकड़ा सिर्फ अगस्त तक का है जोकि अक्टूबर के महीने यह 1000 करोड़ रुपये तक भी पहुंच सकता है। आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा बेचे गए कबाड़ से इकट्ठी की गई रकम उतनी ही है जितनी चंद्रयान-3 के मिशन पर खर्च हुई। इसके अलावा अब सरकार 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक एक स्पेशल अभियान 3.0 चलाएगी।

इस अभियान के तहत स्वच्छता और प्रशासन में लंबित मामलों को कम करने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। बता दें कि इसी अभियान के तहत पिछले साल नवंबर में सरकार ने लगभग 20 करोड़ रुपये कमाए हैं। इतना ही नहीं इसके चलते सरकारी दफ्तरों में पुराने कबाड़ बेचने से कार्यलय काफी साफ-सुथरे हो गए की पुरानी फाइलों से भरी स्टील की अलमारियां भी साफ हो गईं और बेकार पड़े वाहनों की बी नीलामी की गई। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी के अनुसार, पिछले साल अक्टूबर में चलाए गए इसी तरह के अभियान से 371 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।