बाल विवाह कानूनन अपराध : विवाह में शामिल सभी लोगों पर होगी कार्यवाही

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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संचालक महिला-बाल विकास रामराव भोंसले ने कहा है कि अक्सर यह देखने में आया है कि अक्षय तृतीया (3 मई) पर बाल विवाह होने की संभावना बनी रहती है। बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है, जिसके कारण देश में हजारों बालक-बालिकाओं को समय के पूर्व ही पारिवारिक बंधनों में बांधकर माता-पिता द्वारा उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जाता है।
श्री भोंसले ने कहा कि बाल विवाह कानूनी अपराध है, जिसमें 2 वर्ष का कठोर कारावास और एक लाख रूपये जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे ऐसे किसी भी विवाह कार्यक्रम में शामिल न हो, जिनमें वधु 18 वर्ष से कम और वर 21 वर्ष से कम आयु का हो, अन्यथा उनके विरुद्ध भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
संचालक श्री भोंसले ने नागरिकों से अपील की है कि अगर कहीं पर बाल विवाह हो रहा हो, तो इसकी सूचना वर या वधु के रिश्तेदार, पड़ौसी या अन्य लोग दे सकते हैं। उनका नाम गोपनीय रखा जायेगा।
इसके लिये महिला हेल्पलाइन नम्बर-181, चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर-1098 एवं पुलिस हेल्पलाइन नम्बर-100 डॉयल कर तथा जिलों के प्रशासनिक अधिकारी को भी सूचना दी जा सकती है।
उन्होंने वैवाहिक आयोजन कराने वाले मैरिज हॉल, टेंट व्यवसाई, बैण्ड-बाजा, केटरर्स, पुरोहित, मौलवी आदि को सतर्क करते हुए कहा कि वे वैवाहिक आयोजन के पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं बाल विवाह तो नहीं हो रहा है। अन्यथा किसी भी तरह से सहयोग करने वाले व्यक्ति भी दण्ड के भागी होंगे।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।