रिजल्ट से 180 दिन के भीतर छात्रों को दें डिग्रियां दें कॉलेज एवं विश्वविद्यालय, अन्यथा होगी कार्रवाई – यूजीसी

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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Education News. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के द्वारा समय मार्क शीट और डिग्री उपलब्ध न कराए जाने को गंभीरता से लिया है।
इस संबंध में यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को एक सर्कुलर जारी कर चेताया भी है।
यूजीसी ने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को क्वालीफाइंग एग्जाम के रिजल्ट जारी होने के 180 दिनों की अवधि के भीतर सभी सफल छात्रों को डिग्री देने को कहा है।

यूजीसी की ओर से जारी दिशा-निर्देश संबंधी सर्कुलर को उम्मीदवार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की आधिकारिक वेबसाइट – ugc.ac.in पर पढ़ और डाउनलोड कर सकते हैं।
इसके साथ ही यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कॉलेज के प्राचार्यों को भेजे पत्र में यह भी कहा है कि वह उन विश्वविद्यालयों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, जो यूजीसी के नियमानुसार निर्धारित समय-सीमा में डिग्री उपलब्ध कराने में विफल रहेंगे।

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की ओर जारी आधिकारिक सर्कुलर में कहा गया है कि उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) द्वारा प्रस्तावित विभिन्न कार्यक्रमों में नामांकित छात्रों को डिग्री देने में देरी के संबंध में बड़ी संख्या में शिकायतें और आरटीआई प्रश्न प्राप्त हो रहे हैं।
इसलिए, आयोग ने यह निर्णय किया है कि छात्रों को अर्हता प्राप्त करने और उनके लिए पात्र बनने की तारीख यानी फाइनल रिजल्ट की तारीख से 180 दिन के भीतर उन्हें डिग्री और मार्कशीट उपलब्ध कराई जाए।

यूजीसी ने पत्र में कहा कि यह बताने की जरूरत नहीं है कि किसी कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद समय पर डिग्री प्राप्त करना एक छात्र का अधिकार है। यूजीसी ने आग्रह किया कि सभी उच्च शिक्षा संस्थान नियमों का पालन करें और निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर योग्य छात्रों को डिग्री प्रदान करें। ताकि उन्हें किसी और संस्थान में दाखिला लेने में समस्या न आए।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।