‘जल ही कल’ विषय पर प्रतियोगिता : प्रथम विजेता बने उमेशचन्द यादव और संदीप धीमान 

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इंदौर। हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा जून माह में ४७ वीं स्पर्धा आयोजित की गई। ‘जल ही कल’ विषय पर आयोजित इस प्रतियोगिता में उमेशचन्द यादव एवं संदीप धीमान को प्रथम विजेता घोषित किया गया है। यह जानकारी मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने दी।
आपने बताया कि, १ राष्ट्रीय कीर्तिमान, १.५० करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह एवं ७ सम्मान पाने वाले इस मंच द्वारा आयोजित उक्त स्पर्धा में श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने गद्य वर्ग में ‘प्यासे कौवे जैसे परिश्रम की आवश्यकता’ पर उमेश चन्द यादव (बलिया, उप्र) को पहला विजेता बनाया है तो ‘क्योंकि जल होगा तो कल होगा’ रचना पर द्वितीय स्थान गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’ (बीकानेर, राजस्थान) का रहा है।
आपने बताया कि ऐसे ही पद्य वर्ग में ‘जल ही कल है’ रचना पर संदीप धीमान (चमोली, उत्तराखंड) सबसे आगे रहे हैं। इसी में ‘जल ही जीवन’ के लिए आशा आजाद `कृति` (कोरबा, छत्तीसगढ़) को दूसरा एवं ‘जल’ रचना के लिए डॉ. एन.के. सेठी (बांदीकुई, राजस्थान) को तृतीय विजेता घोषित किया गया है।

मंच की संयोजक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ. एम. एल. गुप्ता ‘आदित्य’, सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार) एवं प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता'(छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है।

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