अपने कार्यकलापों को लेकर खाद्य विभाग हमेशा चर्चाओं में रहता है। चाहे मामला बीपीएल कार्ड का हो या एपीएल कार्ड का या समय पर लोगों को राशन उपलब्ध नहीं होने का ऐसे तमाम बिंदु है जो कि हमेशा खाद्य विभाग उससे जुड़ी हुई शाखाओं को चर्चाओं में बनाए रखते हैं। ताजा मामला लोगों को उनकी सुविधाओं के लिए उपलब्ध कराए गए नंबरों को मिटाने से संबंधित है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस की सक्रियता संक्रमण के कारण लगभग 54000 उपभोक्ताओं जिसमें की गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों से लगाकर सामान्य और मध्यम वर्ग के लोग भी शामिल है। उन्हें पर्चियों का वितरण हो रहा है। इसके माध्यम से वे राशन दुकान पर जाकर राशन ले रहे हैं जिसमें प्रधानमंत्री अनाज वितरण योजना से संबंधित अनाज भी शामिल है।
सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों की पर्चियां नहीं आई है वह प्रशासनिक संकुल स्थित खाद्य विभाग में जाकर वस्तुस्थिति जान रहे हैं की आखिर क्यों उनकी पर्चियां नहीं आई है क्योंकि राशन की दुकान पर जाते हैं तो उन्हें जवाब दिया जाता है कि आप कलेक्टर ऑफिस जाकर पता कर लो।
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अलग-अलग जोन के हिसाब से इस कार्य के लिए खाद विभाग में अलग-अलग अधिकारी नियुक्त किए गए हैं तथा लोगों की सुविधाओं के हिसाब से उनके नंबर और नाम भी खाद्य विभाग के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किए गए हैं। देखने में आ रहा है कि विभाग के ही कतिपय कर्मचारियों ने नोटिस बोर्ड पर लगे हुए हैं। मोबाइल नंबर पर कलम चला दी है और उसे मिटाने का प्रयास किया है। अब यहां जो लोग आ रहे हैं उन्हें सही जवाब नहीं मिल रहा है और लोग परेशान हैं। सूत्रों का कहना है कि खाद्य विभाग के कर्मचारियों को इस प्रकार की हरकत नहीं करना चाहिए। फिलहाल तो लोग उनकी इन हरकतों से बेहद परेशान हैं और परेशानी में ऐसा करने वाले कर्मचारियों को कोस रहे हैं।
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