Crime News Indore: डिलीवरी बाय बन घर में घुसे,TV पर सीआईडी देख किया लूट का प्लान, दो धराये

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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जूनी इंदौर टीआई आरएनएस भदौरिया के अनुसार घटना शुक्रवार 11 बजे 85 पलसीकर कॉलोनी में रहने वाली 35 वर्षीय केसर वाधवानी के साथ हुई है। महिला और उसकी सात साल की बेटी मान्या की सूझबूझ से पड़ोसियों ने बदमाशों को वारदात अंजाम देने से रोक लिया। पुलिस ने दो बदमाश 18 वर्षीय गौरांश पिता प्रदीप पाटीदार निवासी 86 बी सेक्टर सुदामा नगर औऱ उसके साथी 19 वर्षीय हिमांशु पिता हरिश रोहरा निवासी कामाक्षा अपार्टमेंट फूटी कोठी को गिरफ्तार किया है।

केसर वाधवानी ने पुलिस को बताया कि मैं सुबह का काम निपटाकर बैठी थी। मेरे पति सचिन वाधवानी रानीपुरा स्थित अपनी कपड़े की दुकान पर चले गए थे। तभी 11 बजे दरवाजे पर किसी ने आवाज दी। मैं दरवाजे पर पहुंची तो एक युवक खड़ा था। बोला कि कबीर (मेरे भतीजे) का पार्सल आया है। मैंने जैसे ही गेट खोला और पार्सल लेने लगी तो वह मुझ पर टूट पड़ा। मुझे चाकू अड़ाकर अंदर के कमरे में ले गया और फिर नीचे गिराया। बदमाश ने मेरे मुंह पर टेप बांधने का प्रयास किया। मैं समझ गई कि ये मेरी हत्या भी कर सकते हैं। मैं डरी नहीं। मैंने सोचा कि हिम्मत करनी चाहिए। फिर मैंने पास खड़ी अपनी सात साल की बेटी को इशारा कर भागने को कहा।

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बेटी मान्या ने उस बदमाश को पकड़ना चाहा तो बदमाश ने उसे थप्पड़ मारकर गिरा दिया, लेकिन मेरी बेटी डरी नहीं। उसने समझदारी दिखाई। वह मुझे गिरा देख फिर खड़ी हुई। मैंने चिल्लाया कि वह बाहर भागे और लोगों को मदद के लिए बुलाए। इशारा समझते ही वह दौड़ पड़ी। फिर बाहर जाकर चिल्लाई। तब तक अंदर वाले बदमाश ने बाहर खड़े अपने साथी को बोला कि बेबी इज आउट और वह भागने लगा, लेकिन तब तक मान्या की आवाज सुनकर पड़ोसी दौड़े। उन्होंने आते ही अंदर मौजूद बदमाशों को दबोचा। फिर बाहर खड़े बदमाश हिमांशु को पकड़ा।

मुंबई से आया था बदमाश
पुलिस ने जब बदमाशों से पूछताछ तो बोले कि पहली बार वारदात की है। हिंमाशु ने कबूला कि उसकी मां अभी एक रेस्टोरेंट में काम करती है। वह पहले केसर वाधवानी के यहां काम करती थी। वहां हिमांशु का भी आना-जाना था। इसलिए वह वारदात के वक्त बाहर खड़ा था, क्योंकि महिला उसे पहचान सकती थी। हिमांशु को पता था कि महिला घर में अकेली रहती है, पति कपड़ा कारोबारी है। इसलिए ज्यादा माल मिलेगा। वह लॉक डाउन में परेशान था। पैसा खत्म हो चुका था। उसका साथी गौरांश मुंबई में रहता था, लेकिन लॉकडाउन के बाद से वह भी इंदौर में था। वे दोनों बड़ा आदमी बनने के लिए लूट की प्लानिंग करते थे। इसलिए वे रोजाना क्राइम सीरियल देखा करते थे। इसलिए उन्होंने एक दिन पहले ही दुकान से चाकू, कटर औऱ टेप भी खरीदी।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।